बालासोर ट्रेन हादसा या षड्यंत्र -: मैं दावे के साथ कहता हूं कि इस हादसे की जांच पूरी होने के बाद जो षड्यंत्र निकलेगा वह सुनकर लोगों की नींद उड़ जाएगी। यह एक सोचा समझा हुआ षड्यंत्र है, तीन ट्रेनों का आपस में टकरा जाना कोई मामूली बात नहीं, इसकी जांच जल्द से जल्द पूर्ण करके देश के सामने सच लाया जाएगा मुझे पूर्ण विश्वास है। उधर अभी लोगों की चिताओं की राख ठंडी भी नहीं हुई, लोग इस दुख की घड़ी में त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, प्रधानमंत्री
@narendramodi
जी दुखी मन से लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। किंतु विपक्ष को आज जरा भी शर्म नहीं है चिताओं पर राजनीति करने में, उधर ममता बनर्जी नई इंजीनियर बन चुकी है आंकड़ों का अनुमान लगा रही है। अखिलेश यादव जैसे नेता लोगों के दुख में साथ खड़े होने के बजाय, सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं विपक्ष के अधिकतर नेता संसद भवन पर अनेकों टिप्पणियां कर रहे हैं कुल मिलाकर उनका रोना इस तरह से शुरू है कि जो कुछ हुआ उसकी दोषी सरकार ही है। समय को समय दीजिए यह षड्यंत्र भी उन्हीं लोगों के द्वारा कराया गया है जिन्होंने देश को कभी खुश देखना उचित नहीं समझा। 😢
@narendramodi
जी दुखी मन से लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। किंतु विपक्ष को आज जरा भी शर्म नहीं है चिताओं पर राजनीति करने में, उधर ममता बनर्जी नई इंजीनियर बन चुकी है आंकड़ों का अनुमान लगा रही है। अखिलेश यादव जैसे नेता लोगों के दुख में साथ खड़े होने के बजाय, सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं विपक्ष के अधिकतर नेता संसद भवन पर अनेकों टिप्पणियां कर रहे हैं कुल मिलाकर उनका रोना इस तरह से शुरू है कि जो कुछ हुआ उसकी दोषी सरकार ही है। समय को समय दीजिए यह षड्यंत्र भी उन्हीं लोगों के द्वारा कराया गया है जिन्होंने देश को कभी खुश देखना उचित नहीं समझा। 😢
बालासोर ट्रेन हादसा या षड्यंत्र -: मैं दावे के साथ कहता हूं कि इस हादसे की जांच पूरी होने के बाद जो षड्यंत्र निकलेगा वह सुनकर लोगों की नींद उड़ जाएगी। यह एक सोचा समझा हुआ षड्यंत्र है, तीन ट्रेनों का आपस में टकरा जाना कोई मामूली बात नहीं, इसकी जांच जल्द से जल्द पूर्ण करके देश के सामने सच लाया जाएगा मुझे पूर्ण विश्वास है। उधर अभी लोगों की चिताओं की राख ठंडी भी नहीं हुई, लोग इस दुख की घड़ी में त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, प्रधानमंत्री
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जी दुखी मन से लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। किंतु विपक्ष को आज जरा भी शर्म नहीं है चिताओं पर राजनीति करने में, उधर ममता बनर्जी नई इंजीनियर बन चुकी है आंकड़ों का अनुमान लगा रही है। अखिलेश यादव जैसे नेता लोगों के दुख में साथ खड़े होने के बजाय, सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं विपक्ष के अधिकतर नेता संसद भवन पर अनेकों टिप्पणियां कर रहे हैं कुल मिलाकर उनका रोना इस तरह से शुरू है कि जो कुछ हुआ उसकी दोषी सरकार ही है। समय को समय दीजिए यह षड्यंत्र भी उन्हीं लोगों के द्वारा कराया गया है जिन्होंने देश को कभी खुश देखना उचित नहीं समझा। 😢
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