गुजरात में सबसे पहला टेलीफोन किसी बड़े उद्योगपति मिल मालिक के घर पर नहीं बल्कि साबरमती आश्रम में गांधी के टेबल पर लगा था
और यह टेलीफोन अंग्रेजों ने विशेष लाइन डलवा कर लाखो रुपये खर्च करके लगवाया था ताकि अंग्रेज अपने गांधी से बात कर सके
फिर भी सावरकर अंग्रेजों के चमचे थे गांधी नहीं
और यह टेलीफोन अंग्रेजों ने विशेष लाइन डलवा कर लाखो रुपये खर्च करके लगवाया था ताकि अंग्रेज अपने गांधी से बात कर सके
फिर भी सावरकर अंग्रेजों के चमचे थे गांधी नहीं
गुजरात में सबसे पहला टेलीफोन किसी बड़े उद्योगपति मिल मालिक के घर पर नहीं बल्कि साबरमती आश्रम में गांधी के टेबल पर लगा था
और यह टेलीफोन अंग्रेजों ने विशेष लाइन डलवा कर लाखो रुपये खर्च करके लगवाया था ताकि अंग्रेज अपने गांधी से बात कर सके
फिर भी सावरकर अंग्रेजों के चमचे थे गांधी नहीं
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