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राष्ट्र और धर्म युद्ध के लिये की गयी कोई संधि अधर्म नहीं होती

रावण के वध में विभीषण का अमूल्य योगदान था जबकि वोह भी राक्षस कुल के थे

संतरा ऊपर से कितना भी हरा कियु ना हो उसका मूल चरित्र हमेशा भगवा होता है
राष्ट्र और धर्म युद्ध के लिये की गयी कोई संधि अधर्म नहीं होती रावण के वध में विभीषण का अमूल्य योगदान था जबकि वोह भी राक्षस कुल के थे संतरा ऊपर से कितना भी हरा कियु ना हो उसका मूल चरित्र हमेशा भगवा होता है
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