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  • भारत के खिलाफ फेक नैरेटिव को एक्सपोज करती
    मेरी दूसरी पुस्तक #ModivsKhanMarketGang का आज लोकार्पण हुआ।
    @SudhanshuTrived @AcharyaPramodk और पद्मश्री राम बहादुर राय जी की गरिमामयी मौजूदगी में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
    -Ashok Srivastav
    भारत के खिलाफ फेक नैरेटिव को एक्सपोज करती मेरी दूसरी पुस्तक #ModivsKhanMarketGang का आज लोकार्पण हुआ। @SudhanshuTrived @AcharyaPramodk और पद्मश्री राम बहादुर राय जी की गरिमामयी मौजूदगी में कार्यक्रम संपन्न हुआ। -Ashok Srivastav
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  • दो दिनों से हल्ला मच रहा है... कि किसी अलाने फ़लाने जज ने बोला है कि प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गाँधी की debate करवानी चाहिए.

    इस पर राहुल गाँधी ने झट से offer accept कर लिया है.....और अब कांग्रेसी चमचे हल्ला मचा रहे हैं कि मोदी में हिम्मत हो तो राहुल गाँधी से debate करें.

    यह चाहते हैं कि अमेरिका की तरह यहाँ दोनों उम्मीदवारों में बहस हो... सभी मुद्दों पर उनकी सोच को परखा जाए.

    लेकिन इन मूर्खो को नहीं पता कि अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट होता है... जनता को पता होता है कि रिपब्लिकन पार्टी जीतेगी तो फलाना व्यक्ति राष्ट्रपति बनेगा, डेमोक्रेटिक जीतेगी तो फलाना व्यक्ति राष्ट्रपति बनेगा

    एनडीए के तरफ से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे ये तय है

    एक बार INDI गठबंधन से लेटर निकलवा दो की INDI गठबंधन राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करता है

    फिर डिबेट करवाने की जिम्मेदारी मेरी

    एक व्यक्ति जिसका प्रधानमंत्री पद का दावेदारी फिक्स है वह एक सांसद से डिबेट क्यों करेगा?

    पहले यह तय तो करो कि वह प्रधानमंत्री पद का दावेदार है...debate vibate तो होती रहेगी.
    दो दिनों से हल्ला मच रहा है... कि किसी अलाने फ़लाने जज ने बोला है कि प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गाँधी की debate करवानी चाहिए. इस पर राहुल गाँधी ने झट से offer accept कर लिया है.....और अब कांग्रेसी चमचे हल्ला मचा रहे हैं कि मोदी में हिम्मत हो तो राहुल गाँधी से debate करें. यह चाहते हैं कि अमेरिका की तरह यहाँ दोनों उम्मीदवारों में बहस हो... सभी मुद्दों पर उनकी सोच को परखा जाए. लेकिन इन मूर्खो को नहीं पता कि अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट होता है... जनता को पता होता है कि रिपब्लिकन पार्टी जीतेगी तो फलाना व्यक्ति राष्ट्रपति बनेगा, डेमोक्रेटिक जीतेगी तो फलाना व्यक्ति राष्ट्रपति बनेगा एनडीए के तरफ से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे ये तय है एक बार INDI गठबंधन से लेटर निकलवा दो की INDI गठबंधन राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करता है फिर डिबेट करवाने की जिम्मेदारी मेरी एक व्यक्ति जिसका प्रधानमंत्री पद का दावेदारी फिक्स है वह एक सांसद से डिबेट क्यों करेगा? पहले यह तय तो करो कि वह प्रधानमंत्री पद का दावेदार है...debate vibate तो होती रहेगी.
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  • Prime Minister Modi articulates his ‘Idea of India’…

    “वो कहते हैं कि राम मंदिर और राम नवमी मनाना गलत है।

    वो कहते हैं कि भगवान राम की पूजा, Idea of India के खिलाफ है।

    भारत को हमेशा विदेशी चश्मे से देखने वाली कांग्रेस को Idea of India का अंदाजा ही नहीं है।

    आखिर क्या है... Idea of India…

    Idea of India… भारत की हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति का प्रतिबिंब है।

    📌Idea of India यानि...सत्यमेव जयते
    📌Idea of India…अहिंसा परमो धर्मः
    📌Idea of India…आचारः परमो धर्मः।
    📌Idea of India…न हि सत्यात् परो धर्मः
    📌Idea of India…एकम सत् विप्रा, बहुधा वदन्ति
    📌Idea of India...वसुधैव कुटुम्बकम्
    📌Idea of India...सर्वपंथ समभाव
    📌Idea of India...अप्प दीपो भव
    📌Idea of India... बुद्धम् शरणम् गच्छामि

    Idea of India...

    सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग भवेत्

    📌Idea of India... परोपकाराय सतां विभूतय:
    📌Idea of India… जन सेवा ही प्रभु सेवा
    📌Idea of India... ईश्वरः सर्वभूतानां
    📌Idea of India... सरब जोति के बीच समाना॥
    📌Idea of India…God Is Great
    📌Idea of India... नर में नारायण, जीव में शिव!
    📌Idea of India…या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
    📌Idea of India… नारी तू नारायणी
    📌Idea of India…मा विद्विषावहै॥
    📌Idea Of India... मिच्छामी दुक्कड़म।

    और

    Idea of India
    अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते।
    जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी
    (हमें जन्म देने वाली ये धरती...मुझे स्वर्ग से भी ज्यादा प्रिय है...)
    ये भगवान श्रीराम के ही तो बोल थे...

    ये Idea Of India आज केवल मान्यताओं तक सीमित नहीं है।
    ये Idea Of India आज भारत की पहचान है।
    ये Idea Of India आज भारत की आवाज़ है।

    और इसीलिए आज…
    📌Idea Of India यानी, इंटरनेशनल योग दिवस
    📌Idea of India यानी, One Earth, One Family, One Future का विज़न
    📌Idea of India यानी, विश्व के लिए one sun one earth one grid का विचार,
    📌Idea of India यानी, चंद्रमा पर शिवशक्ति प्वाइंट
    📌Idea Of India... Mother of Democracy
    📌Idea of India... Justice for all, appeasement of none

    जिन श्रीराम से हमें ये प्रेरणा मिलती है, उन्हीं प्रभु राम की पूजा को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ बता रही है।”
    Prime Minister Modi articulates his ‘Idea of India’… “वो कहते हैं कि राम मंदिर और राम नवमी मनाना गलत है। वो कहते हैं कि भगवान राम की पूजा, Idea of India के खिलाफ है। भारत को हमेशा विदेशी चश्मे से देखने वाली कांग्रेस को Idea of India का अंदाजा ही नहीं है। आखिर क्या है... Idea of India… Idea of India… भारत की हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति का प्रतिबिंब है। 📌Idea of India यानि...सत्यमेव जयते 📌Idea of India…अहिंसा परमो धर्मः 📌Idea of India…आचारः परमो धर्मः। 📌Idea of India…न हि सत्यात् परो धर्मः 📌Idea of India…एकम सत् विप्रा, बहुधा वदन्ति 📌Idea of India...वसुधैव कुटुम्बकम् 📌Idea of India...सर्वपंथ समभाव 📌Idea of India...अप्प दीपो भव 📌Idea of India... बुद्धम् शरणम् गच्छामि Idea of India... सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग भवेत् 📌Idea of India... परोपकाराय सतां विभूतय: 📌Idea of India… जन सेवा ही प्रभु सेवा 📌Idea of India... ईश्वरः सर्वभूतानां 📌Idea of India... सरब जोति के बीच समाना॥ 📌Idea of India…God Is Great 📌Idea of India... नर में नारायण, जीव में शिव! 📌Idea of India…या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता। 📌Idea of India… नारी तू नारायणी 📌Idea of India…मा विद्विषावहै॥ 📌Idea Of India... मिच्छामी दुक्कड़म। और Idea of India अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी (हमें जन्म देने वाली ये धरती...मुझे स्वर्ग से भी ज्यादा प्रिय है...) ये भगवान श्रीराम के ही तो बोल थे... ये Idea Of India आज केवल मान्यताओं तक सीमित नहीं है। ये Idea Of India आज भारत की पहचान है। ये Idea Of India आज भारत की आवाज़ है। और इसीलिए आज… 📌Idea Of India यानी, इंटरनेशनल योग दिवस 📌Idea of India यानी, One Earth, One Family, One Future का विज़न 📌Idea of India यानी, विश्व के लिए one sun one earth one grid का विचार, 📌Idea of India यानी, चंद्रमा पर शिवशक्ति प्वाइंट 📌Idea Of India... Mother of Democracy 📌Idea of India... Justice for all, appeasement of none जिन श्रीराम से हमें ये प्रेरणा मिलती है, उन्हीं प्रभु राम की पूजा को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ बता रही है।”
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  • CM Yogi in Aap Ki Adalat LIVE: Aap Ki Adalat के इस एपिसोड में सवालों के कठघरे में है Uttar Pradesh के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, Aap Ki Adalat के इस एपिसोड में जनता के वकील Rajat Sharma ने CM Yogi Adityanath से BJP के मिशन 400 पार से जुड़े सवाल पूछे तो वहीं उत्तर प्रदेश में माफियों के अंत से जुड़े सवाल भी किये इसके अलावा CM Yogi ने Congress और Pakistan से जुड़े मुद्दें पर दिए बहुत ही स्पष्ट जवाब, जवाब जानने के लिए देखिये यह एपिसोड।

    #cmyogi #rajatsharma #indiatv
    CM Yogi in Aap Ki Adalat LIVE: Aap Ki Adalat के इस एपिसोड में सवालों के कठघरे में है Uttar Pradesh के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, Aap Ki Adalat के इस एपिसोड में जनता के वकील Rajat Sharma ने CM Yogi Adityanath से BJP के मिशन 400 पार से जुड़े सवाल पूछे तो वहीं उत्तर प्रदेश में माफियों के अंत से जुड़े सवाल भी किये इसके अलावा CM Yogi ने Congress और Pakistan से जुड़े मुद्दें पर दिए बहुत ही स्पष्ट जवाब, जवाब जानने के लिए देखिये यह एपिसोड। #cmyogi #rajatsharma #indiatv
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  • कांग्रेस बिल्कुल लुंगी की तहरा है

    बस गांधी नाम की गांठ से बंधी हुई है

    बाक़ी आप समझदार है
    कांग्रेस बिल्कुल लुंगी की तहरा है बस गांधी नाम की गांठ से बंधी हुई है बाक़ी आप समझदार है
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  • हमने जब से होश संभाला है.. यही सुनते आ रहे थे कि भारत ने रूस से इतने बिलियन डॉलर के हथियार खरीदे हैं. रूस हमेशा से हमारा सबसे बड़ा Arms Exporter रहा है.

    लेकिन अब हालात बदल गए हैं.

    पिछले 8 ही महीने में रूस ने भारत से 4 बिलियन डॉलर यानी 33.4 हजार करोड़ रूपए के हथियार खरीदे हैं.. और कमाल की बात है कि यह सारा payment रूपए में किया गया है.

    दरअसल पिछले साल अक्टूबर में रूस की कई कंपनियों ने भारतीय Banks में Vostro account खुलवाए थे... ताकि business आराम से हो सके. इन accounts ने 8 बिलियन USD या कहिये करीब 67,000 करोड़ रूपए जमा करा दिए गए थे.

    इन कंपनियों ने 8 महीने में ही इसका आधा पैसा खर्च कर दिया है.

    भारत अब एक बड़ी Arms Manufacturing power बनने की ओर अग्रसर है.
    हमने जब से होश संभाला है.. यही सुनते आ रहे थे कि भारत ने रूस से इतने बिलियन डॉलर के हथियार खरीदे हैं. रूस हमेशा से हमारा सबसे बड़ा Arms Exporter रहा है. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. पिछले 8 ही महीने में रूस ने भारत से 4 बिलियन डॉलर यानी 33.4 हजार करोड़ रूपए के हथियार खरीदे हैं.. और कमाल की बात है कि यह सारा payment रूपए में किया गया है. दरअसल पिछले साल अक्टूबर में रूस की कई कंपनियों ने भारतीय Banks में Vostro account खुलवाए थे... ताकि business आराम से हो सके. इन accounts ने 8 बिलियन USD या कहिये करीब 67,000 करोड़ रूपए जमा करा दिए गए थे. इन कंपनियों ने 8 महीने में ही इसका आधा पैसा खर्च कर दिया है. भारत अब एक बड़ी Arms Manufacturing power बनने की ओर अग्रसर है.
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  • #gautam #sanatandharma #religion #trending

    बस भारतीयता चलेगी भारत में!- Gautam Khattar | Sanatan Dharm | Religion | Ram Mandir | Dharma Live
    #gautam #sanatandharma #religion #trending बस भारतीयता चलेगी भारत में!- Gautam Khattar | Sanatan Dharm | Religion | Ram Mandir | Dharma Live
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  • दूध को दही बनने में जितनी स्थिरता की जरूरत है, उस दही को मक्खन और घी बनने में उतनी ही हलचल एवं अग्नि-परीक्षा की जरूरत होती है।

    सनातन आदर्शों में सदैव एक हाथ में शस्त्र, दूसरे में शास्त्र होता है, कभी हमने सोचा है, ऐसा क्यों है?

    क्योंकि शस्त्र से साथ धैर्य जरूरी है और धैर्य शास्त्र से आता है। शस्त्र जरूरी नहीं कि बन्दूक ही हो, हमारी प्रोफेशनल डिग्री भी शस्त्र हो सकती है और आध्यात्मिक अभ्यास भी शास्त्र होता है। ध्यान रहे कि कोई कितना भी उतावला क्यों न हो, लेकिन बच्चा नौ महीने बाद ही जन्म लेता है अन्यथा कमजोर रह जायेगा।

    यह सच है कि बन्दूक का काम गोली चलाना होता है। यही बन्दूक एक फौजी के हाथ में भी होती है और यही आतंकवादी के हाथ में भी, अंतर तो बस धैर्य है जो उसका सही संचालन करता है। हम बन्दूक की नहीं, धैर्य की पूजा करते हैं। आतंकवादी जानता है कैसे टिग्गर दबाना है? यद्यपि एक फौजी की भी ऊँगली टिग्गर पर होती है पर वह जानता है कि कब गोली नहीं चलानी है?

    यही अंतर है सनातन के रक्षकों और अन्य में। वास्तव में राजनीति का दूसरा नाम धैर्य है। राजधर्म का दूसरा नाम धैर्य है। ठीक ऐसे ही आत्म-उद्धार एवं आत्म-साक्षात्कार के लिए एक तरफ संयम आदि के सत्य सिद्धांतों को मजबूती से पकड़ने की जरूरत है, तो दूसरी तरफ अपनी और असहायों की सुरक्षा के लिए शस्त्र की भी उतनी ही आवश्यकता होती है।

    कब धैर्य और कब कर्म की आवश्यकता है? समय की मांग और चुनाव की क्षमता ही हमारी अग्नि-परीक्षा है जिससे गुजरकर व्यक्ति कुंदन बनता है।

    “धैर्य ही है जो जीवन की किताब के हर पन्ने को बांधकर रखता है”
    दूध को दही बनने में जितनी स्थिरता की जरूरत है, उस दही को मक्खन और घी बनने में उतनी ही हलचल एवं अग्नि-परीक्षा की जरूरत होती है। सनातन आदर्शों में सदैव एक हाथ में शस्त्र, दूसरे में शास्त्र होता है, कभी हमने सोचा है, ऐसा क्यों है? क्योंकि शस्त्र से साथ धैर्य जरूरी है और धैर्य शास्त्र से आता है। शस्त्र जरूरी नहीं कि बन्दूक ही हो, हमारी प्रोफेशनल डिग्री भी शस्त्र हो सकती है और आध्यात्मिक अभ्यास भी शास्त्र होता है। ध्यान रहे कि कोई कितना भी उतावला क्यों न हो, लेकिन बच्चा नौ महीने बाद ही जन्म लेता है अन्यथा कमजोर रह जायेगा। यह सच है कि बन्दूक का काम गोली चलाना होता है। यही बन्दूक एक फौजी के हाथ में भी होती है और यही आतंकवादी के हाथ में भी, अंतर तो बस धैर्य है जो उसका सही संचालन करता है। हम बन्दूक की नहीं, धैर्य की पूजा करते हैं। आतंकवादी जानता है कैसे टिग्गर दबाना है? यद्यपि एक फौजी की भी ऊँगली टिग्गर पर होती है पर वह जानता है कि कब गोली नहीं चलानी है? यही अंतर है सनातन के रक्षकों और अन्य में। वास्तव में राजनीति का दूसरा नाम धैर्य है। राजधर्म का दूसरा नाम धैर्य है। ठीक ऐसे ही आत्म-उद्धार एवं आत्म-साक्षात्कार के लिए एक तरफ संयम आदि के सत्य सिद्धांतों को मजबूती से पकड़ने की जरूरत है, तो दूसरी तरफ अपनी और असहायों की सुरक्षा के लिए शस्त्र की भी उतनी ही आवश्यकता होती है। कब धैर्य और कब कर्म की आवश्यकता है? समय की मांग और चुनाव की क्षमता ही हमारी अग्नि-परीक्षा है जिससे गुजरकर व्यक्ति कुंदन बनता है। “धैर्य ही है जो जीवन की किताब के हर पन्ने को बांधकर रखता है”
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  • स्वास्थ्य मन्त्रालयले शुक्रबार सन् २०२४ को सुरुदेखि गर्मीका कारण ६१ जनाको मृत्यु भएको बताएको छ । सन् २०२३ मा ३७ जनाको मृत्यु भएको थियो । थाइल्यान्डको उत्तरपूर्वी कृषिप्रधान क्षेत्रमा गर्मीका कारण सबैभन्दा धेरै मृत्यु भएको मन्त्रालयले जनाएको छ ।
    स्वास्थ्य मन्त्रालयले शुक्रबार सन् २०२४ को सुरुदेखि गर्मीका कारण ६१ जनाको मृत्यु भएको बताएको छ । सन् २०२३ मा ३७ जनाको मृत्यु भएको थियो । थाइल्यान्डको उत्तरपूर्वी कृषिप्रधान क्षेत्रमा गर्मीका कारण सबैभन्दा धेरै मृत्यु भएको मन्त्रालयले जनाएको छ ।
    HAMROGLOBALMEDIA.COM
    थाइल्यान्डमा अत्यधिक गर्मीले हालसम्म ६१ जनाको मृत्यु
    बैङ्कक । थाइल्यान्डमा यस वर्षको अहिलेसम्म अत्यधिक गर्मीले ६१ जनाको ज्यान लिएको छ । यो २०२३ को तुलनामा धेरै तातो भएको उल्लेख गर्दै स्वास्थ्य मन्त्रालयले सम्पूर्ण क्षेत्रमा यो सातासम्म अत्यधिक गर्मी भएको बताएको छ । हालैका साताहरूमा थाइल्यान्डमा असाधारण तातो मौसमको लहरले अधिकारीहरूले लगभग दैनिक आधारमा यसबारेमा चेतावनी जारी गर्नुपर्‍यो । स्वास्थ्य मन्त्रालयले शुक्रबार सन् […]
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  • जब लालू प्रसाद जी रेलवे मिनिस्टर थे, तो उन पर आरोप है कि उन्होंने जिन्हें नौकरी दी, उनसे बदले में जमीन ले ली है और मामला CBI के पास है।

    इसमें मैं वकीलों से सलाह ले रहा हूं कि जिन बच्चों ने नौकरी पाने के लिए मजबूरी में जमीन दी, वो उन्हें वापस मिले।

    - पीएम
    जब लालू प्रसाद जी रेलवे मिनिस्टर थे, तो उन पर आरोप है कि उन्होंने जिन्हें नौकरी दी, उनसे बदले में जमीन ले ली है और मामला CBI के पास है। इसमें मैं वकीलों से सलाह ले रहा हूं कि जिन बच्चों ने नौकरी पाने के लिए मजबूरी में जमीन दी, वो उन्हें वापस मिले। - पीएम
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  • कांग्रेस ने 2014 में 2043 तक देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा था।
    लेकिन हमारी सरकार ने तीसरी पारी में तीसरे नंबर की आर्थिक महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखा है।
    PM Shri Narendra Modi's interview to Republic TV

    - पीएम @narendramodi
    कांग्रेस ने 2014 में 2043 तक देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन हमारी सरकार ने तीसरी पारी में तीसरे नंबर की आर्थिक महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखा है। PM Shri Narendra Modi's interview to Republic TV - पीएम @narendramodi
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  • Must read for Librandu jamaat

    🔥 एक नाव बीच नदी में डूब गई, शिकायत राजा तक आई... राजा के दरबार में पेशी हुई

    राजा ने नाविक से पूछा – नाव कैसे डूबी?

    राजा : क्या नाव में छेद था?
    नाविक – नहीं महाराज, नाव बिल्कुल दुरुस्त थी!

    राजा – क्या तुमने सवारी अधिक बिठाई?
    नाविक – नहीं महाराज, सवारी नाव की क्षमतानुसार ही थे और न जाने कितनी बार मैंने उससे अधिक सवारी बिठाकर भी नाव पार लगाई है!

    राजा – आँधी, तूफान जैसी कोई प्राकृतिक आपदा भी तो नहीं थी न?
    नाविक – मौसम सुहाना तथा नदी भी बिल्कुल शान्त थी महाराज!

    राजा – कहीं मदिरा पान तो नहीं किया था तुमने?
    नाविक – नहीं महाराज, आप चाहें तो इन लोगों से पूछ कर संतुष्ट हो सकते हैं यह लोग भी मेरे साथ तैरकर जीवित लौटे हैं!

    महाराज– फिर, क्या चूक हुई? कैसे हुई इतनी बड़ी दुर्घटना?

    नाविक – महाराज, नाव हौले-हौले, बिना हिलकोरे लिये नदी में चल रही थी. तभी नाव में बैठे एक आदमी ने नाव के भीतर ही थूक दिया!

    मैंने पतवार रोक के उसका विरोध किया और पूछा कि भाई “तुमने नाव के भीतर क्यों थूका?"
    उसने उपहास में कहा – “क्या मेरे नाव में थूकने से ये नाव डूब जायेगी?"

    मैंने कहा – "नाव तो नहीं डूबेगी लेकिन तुम्हारे इस निकृष्ट कार्य से हमें घिन आ रही है, बताओ, जो नाव तुमको अपने सीने पर बिठाकर इस पार से उस पार ले जा रही है तुम उसी में क्यों थूक रहे हो??

    राजा – फिर?
    नाविक – महाराज मेरी इतनी बात पर वो तुनक गया, बोला पैसा देते हैं नदी पार करने के. कोई एहसान नहीं कर रहे तुम और तुम्हारी नाव.

    राजा (विस्मय के साथ) – पैसा देने का क्या मतलब, साला नाव में थूकेगा क्या? अच्छा, फिर क्या हुआ?
    नाविक – महाराज वो मुझसे झगड़ा करने लगा.

    राजा – नाव में बैठे और लोग क्या कर रहे थे? क्या उन लोगों ने उसका विरोध नहीं किया?
    नाविक – हाँ, नाव के बहुत से लोग मेरे साथ उसका विरोध करने लगे!

    राजा – तब तो उसका मनोबल टूटा होगा, उसको अपनी गलती का एहसास हुआ होगा?
    नाविक – ऐसा नहीं था महाराज, नाव में कुछ लोग ऐसे भी थे जो उसके साथ उसके पक्ष में खड़े हो गये ... नाव के भीतर ही दो खेमे बँट गये, बीच मझधार में ही यात्री आपस में उलझ पड़े...

    राजा – चलती नाव में ही मारपीट, तुमने उन्हें समझाया तथा रोका नहीं?...
    नाविक – रोका महाराज, हाथ जोड़कर विनती भी की, मैने कहा – नाव इस वक्त अपने नाजुक दौर में है, इस वक्त नाव में तनिक भी हलचल हम सबकी जान का खतरा बन जायेगी लेकिन वो नहीं माने, सब एक दूसरे पर टूट पड़े तथा नाव ने बीच गहरी धारा में ही संतुलन खो दिया महाराज...

    कहानी का सार

    इस नाजुक दौर में भी बहुत से लोग देश की नाव में थूक रहे हैं... अनुरोध है कि, धैर्य बनाये रखें ताकि, नाव के संतुलन खोने से बाकी लोग न मारे जाएं..

    समझदार के लिए इशारा काफी है
    Dr GP
    Must read for Librandu jamaat 🔥 एक नाव बीच नदी में डूब गई, शिकायत राजा तक आई... राजा के दरबार में पेशी हुई राजा ने नाविक से पूछा – नाव कैसे डूबी? राजा : क्या नाव में छेद था? नाविक – नहीं महाराज, नाव बिल्कुल दुरुस्त थी! राजा – क्या तुमने सवारी अधिक बिठाई? नाविक – नहीं महाराज, सवारी नाव की क्षमतानुसार ही थे और न जाने कितनी बार मैंने उससे अधिक सवारी बिठाकर भी नाव पार लगाई है! राजा – आँधी, तूफान जैसी कोई प्राकृतिक आपदा भी तो नहीं थी न? नाविक – मौसम सुहाना तथा नदी भी बिल्कुल शान्त थी महाराज! राजा – कहीं मदिरा पान तो नहीं किया था तुमने? नाविक – नहीं महाराज, आप चाहें तो इन लोगों से पूछ कर संतुष्ट हो सकते हैं यह लोग भी मेरे साथ तैरकर जीवित लौटे हैं! महाराज– फिर, क्या चूक हुई? कैसे हुई इतनी बड़ी दुर्घटना? नाविक – महाराज, नाव हौले-हौले, बिना हिलकोरे लिये नदी में चल रही थी. तभी नाव में बैठे एक आदमी ने नाव के भीतर ही थूक दिया! मैंने पतवार रोक के उसका विरोध किया और पूछा कि भाई “तुमने नाव के भीतर क्यों थूका?" उसने उपहास में कहा – “क्या मेरे नाव में थूकने से ये नाव डूब जायेगी?" मैंने कहा – "नाव तो नहीं डूबेगी लेकिन तुम्हारे इस निकृष्ट कार्य से हमें घिन आ रही है, बताओ, जो नाव तुमको अपने सीने पर बिठाकर इस पार से उस पार ले जा रही है तुम उसी में क्यों थूक रहे हो?? राजा – फिर? नाविक – महाराज मेरी इतनी बात पर वो तुनक गया, बोला पैसा देते हैं नदी पार करने के. कोई एहसान नहीं कर रहे तुम और तुम्हारी नाव. राजा (विस्मय के साथ) – पैसा देने का क्या मतलब, साला नाव में थूकेगा क्या? अच्छा, फिर क्या हुआ? नाविक – महाराज वो मुझसे झगड़ा करने लगा. राजा – नाव में बैठे और लोग क्या कर रहे थे? क्या उन लोगों ने उसका विरोध नहीं किया? नाविक – हाँ, नाव के बहुत से लोग मेरे साथ उसका विरोध करने लगे! राजा – तब तो उसका मनोबल टूटा होगा, उसको अपनी गलती का एहसास हुआ होगा? नाविक – ऐसा नहीं था महाराज, नाव में कुछ लोग ऐसे भी थे जो उसके साथ उसके पक्ष में खड़े हो गये ... नाव के भीतर ही दो खेमे बँट गये, बीच मझधार में ही यात्री आपस में उलझ पड़े... राजा – चलती नाव में ही मारपीट, तुमने उन्हें समझाया तथा रोका नहीं?... नाविक – रोका महाराज, हाथ जोड़कर विनती भी की, मैने कहा – नाव इस वक्त अपने नाजुक दौर में है, इस वक्त नाव में तनिक भी हलचल हम सबकी जान का खतरा बन जायेगी लेकिन वो नहीं माने, सब एक दूसरे पर टूट पड़े तथा नाव ने बीच गहरी धारा में ही संतुलन खो दिया महाराज... कहानी का सार इस नाजुक दौर में भी बहुत से लोग देश की नाव में थूक रहे हैं... अनुरोध है कि, धैर्य बनाये रखें ताकि, नाव के संतुलन खोने से बाकी लोग न मारे जाएं.. समझदार के लिए इशारा काफी है Dr GP
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  • हीरामंडी और गंगूबाई जैसी फिल्में वेश्यावृत्ति और वेश्याओं का महिमामंडल करती हैं...और लड़कियां इसको फॉलो करके वैसे ही ज्वैलरी कपड़े, डायलोग बोल कर रील बना रही हैं!

    किसे हम आदर्श मान रहे हैं,जरा विचार करिए!

    the disaster had already started and it will be worse if PARENTS do not wake up

    Everything is not Govt responsiblity
    हीरामंडी और गंगूबाई जैसी फिल्में वेश्यावृत्ति और वेश्याओं का महिमामंडल करती हैं...और लड़कियां इसको फॉलो करके वैसे ही ज्वैलरी कपड़े, डायलोग बोल कर रील बना रही हैं! किसे हम आदर्श मान रहे हैं,जरा विचार करिए! the disaster had already started and it will be worse if PARENTS do not wake up Everything is not Govt responsiblity
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  • यदि महाभारत को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते है, जरूर पढ़े...

    1.संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे- कौरव

    2.आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो, आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा - कर्ण

    3.संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे- अश्वत्थामा

    4.कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े -भीष्म पितामह

    5.संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है -दुर्योधन

    6.अं ध व्यक्ति- अर्थात मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम ( मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती है -धृतराष्ट्र

    7. यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बँधी हो तो विजय अवश्य मिलती है -अर्जुन

    8. हर कार्य में छल, कपट, व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते - शकुनि

    9. यदि आप नीति, धर्म, व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती - युधिष्ठिर

    यदि इन नौ सूत्रों से सबक लेना सम्भव नहीं होता है तो जीवन मे महाभारत संभव हो जाता है..
    जय श्रीकृष्णा, जय गोविंदा ✨🙏

    तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्।
    महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
    यदि महाभारत को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते है, जरूर पढ़े... 1.संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे- कौरव 2.आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो, आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा - कर्ण 3.संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे- अश्वत्थामा 4.कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े -भीष्म पितामह 5.संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है -दुर्योधन 6.अं ध व्यक्ति- अर्थात मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम ( मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती है -धृतराष्ट्र 7. यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बँधी हो तो विजय अवश्य मिलती है -अर्जुन 8. हर कार्य में छल, कपट, व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते - शकुनि 9. यदि आप नीति, धर्म, व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती - युधिष्ठिर यदि इन नौ सूत्रों से सबक लेना सम्भव नहीं होता है तो जीवन मे महाभारत संभव हो जाता है.. जय श्रीकृष्णा, जय गोविंदा ✨🙏 तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्। महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
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  • मातृतीर्थ औंशीको अवसरमा सबै आमाहरूलाई नमन !
    In the gentle glow of Mother's love,
    We find solace, like stars above.
    Her tender touch, a guiding light,
    In every moment, day or night.

    With each sunrise, her smile would bloom,
    Dispelling darkness, lifting gloom.
    Yet, silently, she'd sacrifice,
    Her needs, her dreams, without a price.

    From dawn till dusk, she'd toil away,
    Her love a beacon, come what may.
    In simple joys, her heart would sing,
    A melody of nurturing.

    Through tales of gods and legends old,
    Her lullabies, a tale retold.
    In her embrace, we'd find our peace,
    Her love, a bond that'll never cease.

    So, on this day, let's raise a cheer,
    For mothers, who hold us dear.
    In every rhyme, in every line,
    Their love, eternal, divine.

    In her wrinkled hands, a story unfolds,
    A journey of love, through time untold.
    From the crack of dawn, till the setting sun,
    Her devotion, an endless run.

    From tending fields to brewing tea,
    Every chore, a labor of love, you see.
    With each meal served, with tender care,
    Her warmth, her love, always there.

    In the quiet of night, her prayers ascend,
    For her children's happiness, she'd bend.
    Through joy and sorrow, she'd stand tall,
    Her love, a fortress, never to fall.

    So, let's honor her, this special day,
    In every word, in every way.
    For her love, her strength, her grace,
    Make her shine in every place.
    मातृतीर्थ औंशीको अवसरमा सबै आमाहरूलाई नमन ! In the gentle glow of Mother's love, We find solace, like stars above. Her tender touch, a guiding light, In every moment, day or night. With each sunrise, her smile would bloom, Dispelling darkness, lifting gloom. Yet, silently, she'd sacrifice, Her needs, her dreams, without a price. From dawn till dusk, she'd toil away, Her love a beacon, come what may. In simple joys, her heart would sing, A melody of nurturing. Through tales of gods and legends old, Her lullabies, a tale retold. In her embrace, we'd find our peace, Her love, a bond that'll never cease. So, on this day, let's raise a cheer, For mothers, who hold us dear. In every rhyme, in every line, Their love, eternal, divine. In her wrinkled hands, a story unfolds, A journey of love, through time untold. From the crack of dawn, till the setting sun, Her devotion, an endless run. From tending fields to brewing tea, Every chore, a labor of love, you see. With each meal served, with tender care, Her warmth, her love, always there. In the quiet of night, her prayers ascend, For her children's happiness, she'd bend. Through joy and sorrow, she'd stand tall, Her love, a fortress, never to fall. So, let's honor her, this special day, In every word, in every way. For her love, her strength, her grace, Make her shine in every place.
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  • संविधान सभा मे सब सनातनी थे, सिवाय लेहरू जी के 🤣😂

    मोदीजी ✌️

    Nehru was Muslim?
    संविधान सभा मे सब सनातनी थे, सिवाय लेहरू जी के 🤣😂 मोदीजी ✌️ Nehru was Muslim?
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  • यदि महाभारत को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते है, जरूर पढ़ें...

    1.संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे- कौरव

    2.आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो, आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा - कर्ण

    3.संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे- अश्वत्थामा

    4.कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े -भीष्म पितामह

    5.संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है -दुर्योधन

    6.अं ध व्यक्ति- अर्थात मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम ( मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती है -धृतराष्ट्र

    7. यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बँधी हो तो विजय अवश्य मिलती है -अर्जुन

    8. हर कार्य में छल, कपट, व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते - शकुनि

    9. यदि आप नीति, धर्म, व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती - युधिष्ठिर

    यदि इन नौ सूत्रों से सबक लेना सम्भव नहीं होता है तो जीवन मे महाभारत संभव हो जाता है..
    जय श्रीकृष्णा, जय गोविंदा ✨🙏

    तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्।
    महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
    यदि महाभारत को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते है, जरूर पढ़ें... 1.संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे- कौरव 2.आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो, आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा - कर्ण 3.संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे- अश्वत्थामा 4.कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े -भीष्म पितामह 5.संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है -दुर्योधन 6.अं ध व्यक्ति- अर्थात मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम ( मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती है -धृतराष्ट्र 7. यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बँधी हो तो विजय अवश्य मिलती है -अर्जुन 8. हर कार्य में छल, कपट, व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते - शकुनि 9. यदि आप नीति, धर्म, व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती - युधिष्ठिर यदि इन नौ सूत्रों से सबक लेना सम्भव नहीं होता है तो जीवन मे महाभारत संभव हो जाता है.. जय श्रीकृष्णा, जय गोविंदा ✨🙏 तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्। महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
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  • बताया जा रहा है , हर साल इतने लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे है।

    तो इसमें सरकार की कमी है।

    ये आधा सत्य है। लोग बस पासपोर्ट त्याग रहे है।

    ओसीआई (ओवरसीज़ सिटीजन ऑफ़ इंडिया) कार्ड कोई नहीं छोड़ रहा है।

    ओसीआई कार्ड सिर्फ़ कृषि योग्य भूमि क्रय करने, वोट देने के अधिकार और सरकारी नौकरी के अलावा सारे अधिकार देता है।

    इसके तहत व्यक्ति अनंत काल तक भारत में रह सकता है और अनेकों बार बिना रोक टोक आ जा सकता है।

    तो जब इतनी समस्या है तो फिर ओसीआई क्यों लेना।
    बताया जा रहा है , हर साल इतने लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे है। तो इसमें सरकार की कमी है। ये आधा सत्य है। लोग बस पासपोर्ट त्याग रहे है। ओसीआई (ओवरसीज़ सिटीजन ऑफ़ इंडिया) कार्ड कोई नहीं छोड़ रहा है। ओसीआई कार्ड सिर्फ़ कृषि योग्य भूमि क्रय करने, वोट देने के अधिकार और सरकारी नौकरी के अलावा सारे अधिकार देता है। इसके तहत व्यक्ति अनंत काल तक भारत में रह सकता है और अनेकों बार बिना रोक टोक आ जा सकता है। तो जब इतनी समस्या है तो फिर ओसीआई क्यों लेना।
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