आप सूर्य की पूजा करते है, उनके लिए चांद की इबादत अहम है।
- आप सीधे तवे की रोटी खाती है, उनके लिए तवा उल्टा होना जरूरी है।
- आप झटका खाते हैं तो उन्हें हलाल ही चाहिए।
- गाय आपके लिए पूज्य औऱ माता स्वरूप है तो उन्हें सब कुछ छोड़ कर बस गाय ही खाना है।
- आप मूर्तिपूजक हैं तो उनके लिए बुतपरस्ती हराम है, उनका इरादा सारे बुत उठाने का है।
- आप वराह स्वरूप की पूजा करते है, उनके में नाम लेना भी हराम है।
- हमारे यहां विवाह पवित्र रस्म है, 7 जन्मों का बंधन तो उनके यहां यह महज एक कॉन्ट्रैक्ट है।
- यहां नारी पूजा का स्थान है तो उधर स्त्री उपभोग की वस्तु याने कि माले गनीमत।
- आपके त्योहार रंग लगाकर होते है तो उनके खून बहाकर।
- आप सर्वधर्म समभाव में मानते है परंतु वह अपने वाले के अलावा किसी का सम्मान तो दूर उसके अस्तित्व को ही नकार देते हैं।
- आपका सनातन वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता है और पूरे विश्व को परिवार मानता है, उन्होंने आपको अलग से काफिर नाम दे रखा है।
- वह आपके ही देश में आपके कई मंदिरों को ध्वस्त करके उन पर कब्जा जमाए बैठे हैं।
- संगीत आपकी संस्कृति का अहम हिस्सा है तो उनके यहां हराम।
ऐसी तमाम चीजें हैं जिनमें वह परस्पर आपसे विपरीत खड़े हैं, तमाम क्या वह हर चीज में आपके विपरीत खड़े है।
आये दिन आप पलायन के लिए मजबूर है, आपकी बेटियां लव जिहाद का शिकार होकर सुटकेस में मिल रही है, आपके त्योहारों की रैलियों पर हमला हो रहा है और अपने ही देश में पुलिस की सुरक्षा के साये में आपको अपने त्योहार मनाने पड़ रहे है।
देश के तथाकथित बापू, चिचा के हद से ज्यादा सेक्युलरिज्म, राजनैतिक महत्वकांक्षाओं और लिजलिजे रवैय्ये के चलते, लिए गए गलत फैसलों का परिणाम है कि आज हिन्दुओ की शोभा यात्राओं में पत्थर बाजी हो रही है और धार्मिक यात्राएं, तीज त्योहार, उत्सव पुलिस की सुरक्षा और बन्दूको के साये में हो रहे है।
एक तिहाई भूभाग गंवाने, लाखों हिन्दुओं की हत्या और मजहब के नाम पर देश के 3 टुकड़े़ करवाने वाले इन मूर्ख नेताओं की मूर्खता का परिणाम है मौजूदा वक़्त के नासूर ये उपद्रवी जो हिन्दुओं के गले की फाँस बन गया है।
अगर आप ये सोच रहे हैं कि भाई चारा 2014 के बाद से खराब हुआ है तो भूलिए मत 1947 में कोई भाजपा नहीं थी लेकिन वह तब भी आपके साथ नहीं रहना चाहते थे।
और यह सही भी था क्योंकि + और - एक साथ जब तक रहेंगे उनके बीच एक दूसरे को न्यूट्रल करने की प्रक्रिया सतत तब तक चलती रहेगी जब तक कोई एक पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
वो आज भी अपने गजवा ए हिन्द के सिद्धांत पर कायम है कि लड़ के लिया था पाकिस्तान, हँस के लेंगे हिंदुस्तान।
शोभायात्राओं पर दिखती इनकी मजहबी घृणा, न पहली बार है और न आखिरी बार।
उनको समस्या आपके त्योहारों में बजते गानों या नारों से नही बल्कि आपके अस्तित्व से ही है।
जितना जल्दी हो इस बात को समझ लें उतना बेहतर है।
- आप सीधे तवे की रोटी खाती है, उनके लिए तवा उल्टा होना जरूरी है।
- आप झटका खाते हैं तो उन्हें हलाल ही चाहिए।
- गाय आपके लिए पूज्य औऱ माता स्वरूप है तो उन्हें सब कुछ छोड़ कर बस गाय ही खाना है।
- आप मूर्तिपूजक हैं तो उनके लिए बुतपरस्ती हराम है, उनका इरादा सारे बुत उठाने का है।
- आप वराह स्वरूप की पूजा करते है, उनके में नाम लेना भी हराम है।
- हमारे यहां विवाह पवित्र रस्म है, 7 जन्मों का बंधन तो उनके यहां यह महज एक कॉन्ट्रैक्ट है।
- यहां नारी पूजा का स्थान है तो उधर स्त्री उपभोग की वस्तु याने कि माले गनीमत।
- आपके त्योहार रंग लगाकर होते है तो उनके खून बहाकर।
- आप सर्वधर्म समभाव में मानते है परंतु वह अपने वाले के अलावा किसी का सम्मान तो दूर उसके अस्तित्व को ही नकार देते हैं।
- आपका सनातन वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता है और पूरे विश्व को परिवार मानता है, उन्होंने आपको अलग से काफिर नाम दे रखा है।
- वह आपके ही देश में आपके कई मंदिरों को ध्वस्त करके उन पर कब्जा जमाए बैठे हैं।
- संगीत आपकी संस्कृति का अहम हिस्सा है तो उनके यहां हराम।
ऐसी तमाम चीजें हैं जिनमें वह परस्पर आपसे विपरीत खड़े हैं, तमाम क्या वह हर चीज में आपके विपरीत खड़े है।
आये दिन आप पलायन के लिए मजबूर है, आपकी बेटियां लव जिहाद का शिकार होकर सुटकेस में मिल रही है, आपके त्योहारों की रैलियों पर हमला हो रहा है और अपने ही देश में पुलिस की सुरक्षा के साये में आपको अपने त्योहार मनाने पड़ रहे है।
देश के तथाकथित बापू, चिचा के हद से ज्यादा सेक्युलरिज्म, राजनैतिक महत्वकांक्षाओं और लिजलिजे रवैय्ये के चलते, लिए गए गलत फैसलों का परिणाम है कि आज हिन्दुओ की शोभा यात्राओं में पत्थर बाजी हो रही है और धार्मिक यात्राएं, तीज त्योहार, उत्सव पुलिस की सुरक्षा और बन्दूको के साये में हो रहे है।
एक तिहाई भूभाग गंवाने, लाखों हिन्दुओं की हत्या और मजहब के नाम पर देश के 3 टुकड़े़ करवाने वाले इन मूर्ख नेताओं की मूर्खता का परिणाम है मौजूदा वक़्त के नासूर ये उपद्रवी जो हिन्दुओं के गले की फाँस बन गया है।
अगर आप ये सोच रहे हैं कि भाई चारा 2014 के बाद से खराब हुआ है तो भूलिए मत 1947 में कोई भाजपा नहीं थी लेकिन वह तब भी आपके साथ नहीं रहना चाहते थे।
और यह सही भी था क्योंकि + और - एक साथ जब तक रहेंगे उनके बीच एक दूसरे को न्यूट्रल करने की प्रक्रिया सतत तब तक चलती रहेगी जब तक कोई एक पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
वो आज भी अपने गजवा ए हिन्द के सिद्धांत पर कायम है कि लड़ के लिया था पाकिस्तान, हँस के लेंगे हिंदुस्तान।
शोभायात्राओं पर दिखती इनकी मजहबी घृणा, न पहली बार है और न आखिरी बार।
उनको समस्या आपके त्योहारों में बजते गानों या नारों से नही बल्कि आपके अस्तित्व से ही है।
जितना जल्दी हो इस बात को समझ लें उतना बेहतर है।
आप सूर्य की पूजा करते है, उनके लिए चांद की इबादत अहम है।
- आप सीधे तवे की रोटी खाती है, उनके लिए तवा उल्टा होना जरूरी है।
- आप झटका खाते हैं तो उन्हें हलाल ही चाहिए।
- गाय आपके लिए पूज्य औऱ माता स्वरूप है तो उन्हें सब कुछ छोड़ कर बस गाय ही खाना है।
- आप मूर्तिपूजक हैं तो उनके लिए बुतपरस्ती हराम है, उनका इरादा सारे बुत उठाने का है।
- आप वराह स्वरूप की पूजा करते है, उनके में नाम लेना भी हराम है।
- हमारे यहां विवाह पवित्र रस्म है, 7 जन्मों का बंधन तो उनके यहां यह महज एक कॉन्ट्रैक्ट है।
- यहां नारी पूजा का स्थान है तो उधर स्त्री उपभोग की वस्तु याने कि माले गनीमत।
- आपके त्योहार रंग लगाकर होते है तो उनके खून बहाकर।
- आप सर्वधर्म समभाव में मानते है परंतु वह अपने वाले के अलावा किसी का सम्मान तो दूर उसके अस्तित्व को ही नकार देते हैं।
- आपका सनातन वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता है और पूरे विश्व को परिवार मानता है, उन्होंने आपको अलग से काफिर नाम दे रखा है।
- वह आपके ही देश में आपके कई मंदिरों को ध्वस्त करके उन पर कब्जा जमाए बैठे हैं।
- संगीत आपकी संस्कृति का अहम हिस्सा है तो उनके यहां हराम।
ऐसी तमाम चीजें हैं जिनमें वह परस्पर आपसे विपरीत खड़े हैं, तमाम क्या वह हर चीज में आपके विपरीत खड़े है।
आये दिन आप पलायन के लिए मजबूर है, आपकी बेटियां लव जिहाद का शिकार होकर सुटकेस में मिल रही है, आपके त्योहारों की रैलियों पर हमला हो रहा है और अपने ही देश में पुलिस की सुरक्षा के साये में आपको अपने त्योहार मनाने पड़ रहे है।
देश के तथाकथित बापू, चिचा के हद से ज्यादा सेक्युलरिज्म, राजनैतिक महत्वकांक्षाओं और लिजलिजे रवैय्ये के चलते, लिए गए गलत फैसलों का परिणाम है कि आज हिन्दुओ की शोभा यात्राओं में पत्थर बाजी हो रही है और धार्मिक यात्राएं, तीज त्योहार, उत्सव पुलिस की सुरक्षा और बन्दूको के साये में हो रहे है।
एक तिहाई भूभाग गंवाने, लाखों हिन्दुओं की हत्या और मजहब के नाम पर देश के 3 टुकड़े़ करवाने वाले इन मूर्ख नेताओं की मूर्खता का परिणाम है मौजूदा वक़्त के नासूर ये उपद्रवी जो हिन्दुओं के गले की फाँस बन गया है।
अगर आप ये सोच रहे हैं कि भाई चारा 2014 के बाद से खराब हुआ है तो भूलिए मत 1947 में कोई भाजपा नहीं थी लेकिन वह तब भी आपके साथ नहीं रहना चाहते थे।
और यह सही भी था क्योंकि + और - एक साथ जब तक रहेंगे उनके बीच एक दूसरे को न्यूट्रल करने की प्रक्रिया सतत तब तक चलती रहेगी जब तक कोई एक पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
वो आज भी अपने गजवा ए हिन्द के सिद्धांत पर कायम है कि लड़ के लिया था पाकिस्तान, हँस के लेंगे हिंदुस्तान।
शोभायात्राओं पर दिखती इनकी मजहबी घृणा, न पहली बार है और न आखिरी बार।
उनको समस्या आपके त्योहारों में बजते गानों या नारों से नही बल्कि आपके अस्तित्व से ही है।
जितना जल्दी हो इस बात को समझ लें उतना बेहतर है।
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