पवन तनय संकट हरन ; मंगल मूरती रूप।
राम लखन सीता सहित। हृदय बसहु सुर भूप।।
अर्थ : हे पवनपुत्र ! आप सभी संकटो का हरण करने वाले हैं , आप मंगल मूरत वाले हैं। मेरी प्रार्थना है की आप श्रीराम , श्री जानकी एवं लक्ष्मणजी सहित सदा मेरे हृदय में निवास करें।
राम लखन सीता सहित। हृदय बसहु सुर भूप।।
अर्थ : हे पवनपुत्र ! आप सभी संकटो का हरण करने वाले हैं , आप मंगल मूरत वाले हैं। मेरी प्रार्थना है की आप श्रीराम , श्री जानकी एवं लक्ष्मणजी सहित सदा मेरे हृदय में निवास करें।
पवन तनय संकट हरन ; मंगल मूरती रूप।
राम लखन सीता सहित। हृदय बसहु सुर भूप।।
अर्थ : हे पवनपुत्र ! आप सभी संकटो का हरण करने वाले हैं , आप मंगल मूरत वाले हैं। मेरी प्रार्थना है की आप श्रीराम , श्री जानकी एवं लक्ष्मणजी सहित सदा मेरे हृदय में निवास करें।
