बिहार का जंगलराज
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बेचारे 75 साल के शिक्षक जवाहर चौधरी टहलने गए थे सुबह-सुबह। अपराधियों ने गोली मार दी, काम तमाम! ढाई साल पहले उनके 35 साल के बेटे को भी मार डाला गया था। बिहार के बेगूसराय के फतेहा की घटना है।
पूर्वी चम्पारण के चकिया में थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर ठेकेदार राजीव कुमार सब्जी खरीद रहे थे। गोलियों से भून डाले गए।
बिहार में ये सब अब सामान्य घटनाएँ हो गई हैं। अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या हो, पटना में नर्स सोनी कुमारी की हत्या हो, बेगूसराय में विकास यादव की हत्या हो, समस्तीपुर में दरोगा नंदकिशोर यादव की हत्या हो या फिर बेगूसराय के ही भरौल में उप-मुखिया अजय पासवान की हत्या हो - ये सारी घटनाएँ पिछले एक सप्ताह भी कम समय में हुई है और नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की बेशर्म सरकार शांत बैठी हुई है। ये देश की सबसे बेशर्म सरकार है, जिसे इस चीज का फायदा मिल रहा है कि मीडिया-सोशल मीडिया में ज़्यादा कुछ चलेगा नहीं और कोई इनका कुछ उखाड़ सकता है नहीं। असली अनपढ़ों की सरकार यहाँ है, जहाँ एक मंत्री यूट्यूब वीडियो बनाने के लिए सड़क पर खेलने वाले बच्चों से बात तो करता है लेकिन वो स्कूल क्यों नहीं पढ़ने जा रहे इस पर पैरेंट्स-अधिकारियों से बातचीत नहीं करता। बेशर्मी की हद ये है कि मीडिया भी चटखारे लेकर इन खबरों को चलाती है। बिहार पिस रहा है।
और हाँ, मुजफ्फरपुर में एक रेस्टॉरेंट में खुलेआम गोलीबारी हुई है। जहानाबाद में पंचायत दफ्तर में हथियारबंद अपराधियों ने घुस कर रंगदारी माँगी। जो घटनाएँ अपवाद होती हैं हर जगह, वो बिहार में आम हैं।
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बेचारे 75 साल के शिक्षक जवाहर चौधरी टहलने गए थे सुबह-सुबह। अपराधियों ने गोली मार दी, काम तमाम! ढाई साल पहले उनके 35 साल के बेटे को भी मार डाला गया था। बिहार के बेगूसराय के फतेहा की घटना है।
पूर्वी चम्पारण के चकिया में थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर ठेकेदार राजीव कुमार सब्जी खरीद रहे थे। गोलियों से भून डाले गए।
बिहार में ये सब अब सामान्य घटनाएँ हो गई हैं। अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या हो, पटना में नर्स सोनी कुमारी की हत्या हो, बेगूसराय में विकास यादव की हत्या हो, समस्तीपुर में दरोगा नंदकिशोर यादव की हत्या हो या फिर बेगूसराय के ही भरौल में उप-मुखिया अजय पासवान की हत्या हो - ये सारी घटनाएँ पिछले एक सप्ताह भी कम समय में हुई है और नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की बेशर्म सरकार शांत बैठी हुई है। ये देश की सबसे बेशर्म सरकार है, जिसे इस चीज का फायदा मिल रहा है कि मीडिया-सोशल मीडिया में ज़्यादा कुछ चलेगा नहीं और कोई इनका कुछ उखाड़ सकता है नहीं। असली अनपढ़ों की सरकार यहाँ है, जहाँ एक मंत्री यूट्यूब वीडियो बनाने के लिए सड़क पर खेलने वाले बच्चों से बात तो करता है लेकिन वो स्कूल क्यों नहीं पढ़ने जा रहे इस पर पैरेंट्स-अधिकारियों से बातचीत नहीं करता। बेशर्मी की हद ये है कि मीडिया भी चटखारे लेकर इन खबरों को चलाती है। बिहार पिस रहा है।
और हाँ, मुजफ्फरपुर में एक रेस्टॉरेंट में खुलेआम गोलीबारी हुई है। जहानाबाद में पंचायत दफ्तर में हथियारबंद अपराधियों ने घुस कर रंगदारी माँगी। जो घटनाएँ अपवाद होती हैं हर जगह, वो बिहार में आम हैं।
बिहार का जंगलराज
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बेचारे 75 साल के शिक्षक जवाहर चौधरी टहलने गए थे सुबह-सुबह। अपराधियों ने गोली मार दी, काम तमाम! ढाई साल पहले उनके 35 साल के बेटे को भी मार डाला गया था। बिहार के बेगूसराय के फतेहा की घटना है।
पूर्वी चम्पारण के चकिया में थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर ठेकेदार राजीव कुमार सब्जी खरीद रहे थे। गोलियों से भून डाले गए।
बिहार में ये सब अब सामान्य घटनाएँ हो गई हैं। अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या हो, पटना में नर्स सोनी कुमारी की हत्या हो, बेगूसराय में विकास यादव की हत्या हो, समस्तीपुर में दरोगा नंदकिशोर यादव की हत्या हो या फिर बेगूसराय के ही भरौल में उप-मुखिया अजय पासवान की हत्या हो - ये सारी घटनाएँ पिछले एक सप्ताह भी कम समय में हुई है और नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की बेशर्म सरकार शांत बैठी हुई है। ये देश की सबसे बेशर्म सरकार है, जिसे इस चीज का फायदा मिल रहा है कि मीडिया-सोशल मीडिया में ज़्यादा कुछ चलेगा नहीं और कोई इनका कुछ उखाड़ सकता है नहीं। असली अनपढ़ों की सरकार यहाँ है, जहाँ एक मंत्री यूट्यूब वीडियो बनाने के लिए सड़क पर खेलने वाले बच्चों से बात तो करता है लेकिन वो स्कूल क्यों नहीं पढ़ने जा रहे इस पर पैरेंट्स-अधिकारियों से बातचीत नहीं करता। बेशर्मी की हद ये है कि मीडिया भी चटखारे लेकर इन खबरों को चलाती है। बिहार पिस रहा है।
और हाँ, मुजफ्फरपुर में एक रेस्टॉरेंट में खुलेआम गोलीबारी हुई है। जहानाबाद में पंचायत दफ्तर में हथियारबंद अपराधियों ने घुस कर रंगदारी माँगी। जो घटनाएँ अपवाद होती हैं हर जगह, वो बिहार में आम हैं।
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