जब टीवी मेरे घर आया, तो मैं किताबें पढ़ना भूल गया।
जब कार मेरे दरवाजे पर आई, तो मैं चलना भूल गया।
हाथ में मोबाइल आते ही मैं चिट्ठी लिखना भूल गया।
जब मेरे घर में कम्प्यूटर आया, तो मैं स्पेलिंग भूल गया।
जब मेरे घर में ACआया, तो मैंने ठंडी हवा के लिए पेड़ के नीचे जाना भूल गया।
जब मैं शहर में रहा, तो मैं मिट्टी की गंध को भूल गया।
मैं बैंकों और कार्डों का लेन-देन करके पैसे की कीमत भूल गया।
परफ्यूम की महक से मैं ताजे फूलों की महक भूल गया।
फास्ट फूड के आने से पारंपरिक व्यंजन बनाना भूल गईं..
हमेशा इधर-उधर भागता, मैं तो रुकना ही भूल गया।
और अंत में जब मुझे व्हाट्सएप मिला, तो मैं बात करना भी भूल गया..🤔
जब कार मेरे दरवाजे पर आई, तो मैं चलना भूल गया।
हाथ में मोबाइल आते ही मैं चिट्ठी लिखना भूल गया।
जब मेरे घर में कम्प्यूटर आया, तो मैं स्पेलिंग भूल गया।
जब मेरे घर में ACआया, तो मैंने ठंडी हवा के लिए पेड़ के नीचे जाना भूल गया।
जब मैं शहर में रहा, तो मैं मिट्टी की गंध को भूल गया।
मैं बैंकों और कार्डों का लेन-देन करके पैसे की कीमत भूल गया।
परफ्यूम की महक से मैं ताजे फूलों की महक भूल गया।
फास्ट फूड के आने से पारंपरिक व्यंजन बनाना भूल गईं..
हमेशा इधर-उधर भागता, मैं तो रुकना ही भूल गया।
और अंत में जब मुझे व्हाट्सएप मिला, तो मैं बात करना भी भूल गया..🤔
जब टीवी मेरे घर आया, तो मैं किताबें पढ़ना भूल गया।
जब कार मेरे दरवाजे पर आई, तो मैं चलना भूल गया।
हाथ में मोबाइल आते ही मैं चिट्ठी लिखना भूल गया।
जब मेरे घर में कम्प्यूटर आया, तो मैं स्पेलिंग भूल गया।
जब मेरे घर में ACआया, तो मैंने ठंडी हवा के लिए पेड़ के नीचे जाना भूल गया।
जब मैं शहर में रहा, तो मैं मिट्टी की गंध को भूल गया।
मैं बैंकों और कार्डों का लेन-देन करके पैसे की कीमत भूल गया।
परफ्यूम की महक से मैं ताजे फूलों की महक भूल गया।
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हमेशा इधर-उधर भागता, मैं तो रुकना ही भूल गया।
और अंत में जब मुझे व्हाट्सएप मिला, तो मैं बात करना भी भूल गया..🤔
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