हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कब्रिस्तान की जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम करने का आदेश!
साल 2004 में जब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तो उनकी पार्टी के यूथ ब्रिगेड के नेता भोला खान पठान ने सीएम को संबोधित एक अर्जी दी थी. इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने आदेश दिया था. सरकार के आदेश के बाद ही मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज हो गई थी. मंदिर ट्रस्ट ने इसके खिलाफ कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में यह जमीन पुरानी आबादी बता दी गई.
हिन्दुओ के एक गलत वोट का नतीज़ा इस प्रकार हिन्दुओ को ही भुगतना पड़ा है!
समाजवादी पार्टी, कॉंग्रेस पार्टी या I.N.D.I.A गठबंधन की किसी पार्टी को हिन्दू अगर वोट देंगे तो जर जमीन और जीवन सब संकट में पड़ जायेगा!
साल 2004 में जब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तो उनकी पार्टी के यूथ ब्रिगेड के नेता भोला खान पठान ने सीएम को संबोधित एक अर्जी दी थी. इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने आदेश दिया था. सरकार के आदेश के बाद ही मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज हो गई थी. मंदिर ट्रस्ट ने इसके खिलाफ कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में यह जमीन पुरानी आबादी बता दी गई.
हिन्दुओ के एक गलत वोट का नतीज़ा इस प्रकार हिन्दुओ को ही भुगतना पड़ा है!
समाजवादी पार्टी, कॉंग्रेस पार्टी या I.N.D.I.A गठबंधन की किसी पार्टी को हिन्दू अगर वोट देंगे तो जर जमीन और जीवन सब संकट में पड़ जायेगा!
हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कब्रिस्तान की जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम करने का आदेश!
साल 2004 में जब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तो उनकी पार्टी के यूथ ब्रिगेड के नेता भोला खान पठान ने सीएम को संबोधित एक अर्जी दी थी. इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने आदेश दिया था. सरकार के आदेश के बाद ही मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज हो गई थी. मंदिर ट्रस्ट ने इसके खिलाफ कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में यह जमीन पुरानी आबादी बता दी गई.
हिन्दुओ के एक गलत वोट का नतीज़ा इस प्रकार हिन्दुओ को ही भुगतना पड़ा है!
समाजवादी पार्टी, कॉंग्रेस पार्टी या I.N.D.I.A गठबंधन की किसी पार्टी को हिन्दू अगर वोट देंगे तो जर जमीन और जीवन सब संकट में पड़ जायेगा!
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