जिस तरफ़ से भारत में गाँधी नेहरू परिवार है उसी तरह कनाडा में ट्रूडू परिवार है।
जिस तरह भारत में राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन है, उसी तरह कनाडा में पियरे ट्रूडू फ़ाउण्डेशन है।
जिस प्रकार भारत में अपने ही देश की जड़ खोदने वाली गाँधी नेहरू परिवार की कांग्रेस पार्टी है, उसी तरह कनाडा में ट्रूडू परिवार की लिबरल पार्टी है।
जिस प्रकार राजीव गांधी फ़ाउंडेशन को चीन लाखों डालर की मदद देता है, उसी तरह वह पियरे ट्रूडू फ़ाउंडेशन को भी मदद देता है।
जिस प्रकार भारत के पप्पू राहुल गांधी के साथ चीन का विशेष संबंध है, उसी तरह कनाडा के पप्पू जस्टिन ट्रूडू के साथ भी चीन के विशेष संबंध हैं।
कनाडा के चुनावों में चीन के हस्तक्षेप के सबूत सामने आये हैं जो ख़ुद उसके ख़ुफ़िया एजेंसी के लोगों ने लाया है।
पूरा कनाडा इस बात को लेकर नाराज़ है और चीन के ख़िलाफ़ जाँच की माँग कर रहा है। परंतु इस मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए जस्टिन ट्रूडू ने भारत को एक हल्का देश समझकर उसका मुद्दा उठा दिया।
वह भी ऐसा मुद्दा जो कनाडा की दृष्टि से कोई महत्व ही नहीं रखता क्यूँकि हरदीप सिंह निज्जर कनाडा का नागरिक है ही नहीं। वह रवि शर्मा बनकर वहाँ घुसा और दो बार उसके नागरिकता की याचिका अस्वीकार कर दी गयी। उसको कब कनाडा का नागरिक बना लिया गया यह भी वहाँ के लोगों को और तमाम नेताओं को समझ नहीं आ रहा।
देश के अंदर बाहर हर जगह जस्टिन ट्रूडू का मज़ाक़ बन रहा है। वहाँ के लोग एक मैप भी साझा कर रहे हैं जिसमें कनाडा का एक हिस्सा ख़ालिस्तान बनते हुए दिखाया जा रहा है।
जस्टिन ट्रूडू ने आज के भारत को अपने बाप के जमाने का भारत समझ लिया था, लेकिन अब एक ऐसे ट्रैप में फ़सें हैं जहां पर उन्होंने बहुत कुछ इतना ख़राब कर लिया है कि उसका पुनः सामान्य होना टेढ़ी खीर है।
जिस तरह भारत में राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन है, उसी तरह कनाडा में पियरे ट्रूडू फ़ाउण्डेशन है।
जिस प्रकार भारत में अपने ही देश की जड़ खोदने वाली गाँधी नेहरू परिवार की कांग्रेस पार्टी है, उसी तरह कनाडा में ट्रूडू परिवार की लिबरल पार्टी है।
जिस प्रकार राजीव गांधी फ़ाउंडेशन को चीन लाखों डालर की मदद देता है, उसी तरह वह पियरे ट्रूडू फ़ाउंडेशन को भी मदद देता है।
जिस प्रकार भारत के पप्पू राहुल गांधी के साथ चीन का विशेष संबंध है, उसी तरह कनाडा के पप्पू जस्टिन ट्रूडू के साथ भी चीन के विशेष संबंध हैं।
कनाडा के चुनावों में चीन के हस्तक्षेप के सबूत सामने आये हैं जो ख़ुद उसके ख़ुफ़िया एजेंसी के लोगों ने लाया है।
पूरा कनाडा इस बात को लेकर नाराज़ है और चीन के ख़िलाफ़ जाँच की माँग कर रहा है। परंतु इस मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए जस्टिन ट्रूडू ने भारत को एक हल्का देश समझकर उसका मुद्दा उठा दिया।
वह भी ऐसा मुद्दा जो कनाडा की दृष्टि से कोई महत्व ही नहीं रखता क्यूँकि हरदीप सिंह निज्जर कनाडा का नागरिक है ही नहीं। वह रवि शर्मा बनकर वहाँ घुसा और दो बार उसके नागरिकता की याचिका अस्वीकार कर दी गयी। उसको कब कनाडा का नागरिक बना लिया गया यह भी वहाँ के लोगों को और तमाम नेताओं को समझ नहीं आ रहा।
देश के अंदर बाहर हर जगह जस्टिन ट्रूडू का मज़ाक़ बन रहा है। वहाँ के लोग एक मैप भी साझा कर रहे हैं जिसमें कनाडा का एक हिस्सा ख़ालिस्तान बनते हुए दिखाया जा रहा है।
जस्टिन ट्रूडू ने आज के भारत को अपने बाप के जमाने का भारत समझ लिया था, लेकिन अब एक ऐसे ट्रैप में फ़सें हैं जहां पर उन्होंने बहुत कुछ इतना ख़राब कर लिया है कि उसका पुनः सामान्य होना टेढ़ी खीर है।
जिस तरफ़ से भारत में गाँधी नेहरू परिवार है उसी तरह कनाडा में ट्रूडू परिवार है।
जिस तरह भारत में राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन है, उसी तरह कनाडा में पियरे ट्रूडू फ़ाउण्डेशन है।
जिस प्रकार भारत में अपने ही देश की जड़ खोदने वाली गाँधी नेहरू परिवार की कांग्रेस पार्टी है, उसी तरह कनाडा में ट्रूडू परिवार की लिबरल पार्टी है।
जिस प्रकार राजीव गांधी फ़ाउंडेशन को चीन लाखों डालर की मदद देता है, उसी तरह वह पियरे ट्रूडू फ़ाउंडेशन को भी मदद देता है।
जिस प्रकार भारत के पप्पू राहुल गांधी के साथ चीन का विशेष संबंध है, उसी तरह कनाडा के पप्पू जस्टिन ट्रूडू के साथ भी चीन के विशेष संबंध हैं।
कनाडा के चुनावों में चीन के हस्तक्षेप के सबूत सामने आये हैं जो ख़ुद उसके ख़ुफ़िया एजेंसी के लोगों ने लाया है।
पूरा कनाडा इस बात को लेकर नाराज़ है और चीन के ख़िलाफ़ जाँच की माँग कर रहा है। परंतु इस मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए जस्टिन ट्रूडू ने भारत को एक हल्का देश समझकर उसका मुद्दा उठा दिया।
वह भी ऐसा मुद्दा जो कनाडा की दृष्टि से कोई महत्व ही नहीं रखता क्यूँकि हरदीप सिंह निज्जर कनाडा का नागरिक है ही नहीं। वह रवि शर्मा बनकर वहाँ घुसा और दो बार उसके नागरिकता की याचिका अस्वीकार कर दी गयी। उसको कब कनाडा का नागरिक बना लिया गया यह भी वहाँ के लोगों को और तमाम नेताओं को समझ नहीं आ रहा।
देश के अंदर बाहर हर जगह जस्टिन ट्रूडू का मज़ाक़ बन रहा है। वहाँ के लोग एक मैप भी साझा कर रहे हैं जिसमें कनाडा का एक हिस्सा ख़ालिस्तान बनते हुए दिखाया जा रहा है।
जस्टिन ट्रूडू ने आज के भारत को अपने बाप के जमाने का भारत समझ लिया था, लेकिन अब एक ऐसे ट्रैप में फ़सें हैं जहां पर उन्होंने बहुत कुछ इतना ख़राब कर लिया है कि उसका पुनः सामान्य होना टेढ़ी खीर है।
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