जातीय जनगणना चाहें तो हिन्दू समाज के लिए एक जहर हो सकता है और चाहें तो एक वरदान...
इस जनगणना से कुछ लोगों की अकड़ निकल जानी चाहिए... देखिये कि आप अपनी हिन्दू आइडेंटिटी के साथ कहां खड़े हैं और जातीय आइडेंटिटी के साथ कहां खड़े हैं.
अगर आप हिन्दू हैं तो आप 82% हैं, वरना आप 3%, 2.5%, 0.6% हैं. अकड़ते रहिए कि आप बहुत बड़े फन्ने खां हैं.
एक वृक्ष में टंगा फल अलग अकड़ रहा है कि वह रसदार और मीठा है, पत्तियों की अलग अकड़ है कि उसके होने से फोटोसिंथेसिस हो रहा है, तने की अलग हनक है कि सबकुछ तो उसी पर टिका है. जड़ ने तो खैर सबका पोषण ही किया है. पर जबतक ये सब वृक्ष पर हैं, विशाल वृक्ष के अस्तित्व का भाग हैं. वरना पत्तियां बकरियां खा जाएंगी, तने का फर्नीचर बना कर बगीचे में लगा दिया जायेगा, जड़ों को उखाड़ कर फेंक दिया जायेगा. और फलों का फ्रूट सलाद बना कर शाम की इफ्तारी में निबटा दिया जाएगा.
आपकी औकात बता दी गई है... आगे मर्जी है आपकी...
इस जनगणना से कुछ लोगों की अकड़ निकल जानी चाहिए... देखिये कि आप अपनी हिन्दू आइडेंटिटी के साथ कहां खड़े हैं और जातीय आइडेंटिटी के साथ कहां खड़े हैं.
अगर आप हिन्दू हैं तो आप 82% हैं, वरना आप 3%, 2.5%, 0.6% हैं. अकड़ते रहिए कि आप बहुत बड़े फन्ने खां हैं.
एक वृक्ष में टंगा फल अलग अकड़ रहा है कि वह रसदार और मीठा है, पत्तियों की अलग अकड़ है कि उसके होने से फोटोसिंथेसिस हो रहा है, तने की अलग हनक है कि सबकुछ तो उसी पर टिका है. जड़ ने तो खैर सबका पोषण ही किया है. पर जबतक ये सब वृक्ष पर हैं, विशाल वृक्ष के अस्तित्व का भाग हैं. वरना पत्तियां बकरियां खा जाएंगी, तने का फर्नीचर बना कर बगीचे में लगा दिया जायेगा, जड़ों को उखाड़ कर फेंक दिया जायेगा. और फलों का फ्रूट सलाद बना कर शाम की इफ्तारी में निबटा दिया जाएगा.
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जातीय जनगणना चाहें तो हिन्दू समाज के लिए एक जहर हो सकता है और चाहें तो एक वरदान...
इस जनगणना से कुछ लोगों की अकड़ निकल जानी चाहिए... देखिये कि आप अपनी हिन्दू आइडेंटिटी के साथ कहां खड़े हैं और जातीय आइडेंटिटी के साथ कहां खड़े हैं.
अगर आप हिन्दू हैं तो आप 82% हैं, वरना आप 3%, 2.5%, 0.6% हैं. अकड़ते रहिए कि आप बहुत बड़े फन्ने खां हैं.
एक वृक्ष में टंगा फल अलग अकड़ रहा है कि वह रसदार और मीठा है, पत्तियों की अलग अकड़ है कि उसके होने से फोटोसिंथेसिस हो रहा है, तने की अलग हनक है कि सबकुछ तो उसी पर टिका है. जड़ ने तो खैर सबका पोषण ही किया है. पर जबतक ये सब वृक्ष पर हैं, विशाल वृक्ष के अस्तित्व का भाग हैं. वरना पत्तियां बकरियां खा जाएंगी, तने का फर्नीचर बना कर बगीचे में लगा दिया जायेगा, जड़ों को उखाड़ कर फेंक दिया जायेगा. और फलों का फ्रूट सलाद बना कर शाम की इफ्तारी में निबटा दिया जाएगा.
आपकी औकात बता दी गई है... आगे मर्जी है आपकी...
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