ऋषियों को भी सिद्धि तभी तप से मिलती है,
जब पहरे पर स्वयं, धनुर्धर राम खड़े होते हैं।
धर्म की धर्म स्थापना तभी होती है,
जब पहरे पर स्वयं, गुरु नानक देव खड़े होते हैं।
राष्ट्र भी तभी सम्पन होता है
जब पहरे पर स्वयं, नेता जी की सेना होती हैं।
श्री अयोध्या जी के तीन सिपाही
The Geo Political 3rd pole
जब पहरे पर स्वयं, धनुर्धर राम खड़े होते हैं।
धर्म की धर्म स्थापना तभी होती है,
जब पहरे पर स्वयं, गुरु नानक देव खड़े होते हैं।
राष्ट्र भी तभी सम्पन होता है
जब पहरे पर स्वयं, नेता जी की सेना होती हैं।
श्री अयोध्या जी के तीन सिपाही
The Geo Political 3rd pole
ऋषियों को भी सिद्धि तभी तप से मिलती है,
जब पहरे पर स्वयं, धनुर्धर राम खड़े होते हैं।
धर्म की धर्म स्थापना तभी होती है,
जब पहरे पर स्वयं, गुरु नानक देव खड़े होते हैं।
राष्ट्र भी तभी सम्पन होता है
जब पहरे पर स्वयं, नेता जी की सेना होती हैं।
श्री अयोध्या जी के तीन सिपाही
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