जो इज़राइल ने कल देखा है वो ना पहली बार हुआ है ना आख़िरी बार , जो इज़राइल ने कल देखा है वो भारत ने पहले ना जाने कितनी बार देखा है ,
जब अयोध्या में , मथुरा में , काशी में मंदिरों को तोड़ा गया होगा तब उन शहरों ने वहीं दृश्य देखा होगा जो इज़राइल ने कल देखा है
डायरेक्ट एक्शन डे के दिन कोलकाता की गलियों ने वहीं दृश्य देखा होगा जो इज़राइल ने कल देखा है
अफ़ग़ानिस्तान में , कश्मीर में ना जाने कितनी बार
मेरा मक़सद आपको निराश करना नहीं है , मेरा मक़सद आपको ये याद दिलाना है कि आपके ऊँचे भवन और आपकी मज़बूत चार दिवारी, आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा की गारंटी नहीं है
अफ़ग़ानिस्तान से जो लोग भागे पिछले साल वो कोई गरीब लोग नहीं थे , कश्मीरी पंडितों के सेब के बाग़ान थे , कराची, रावलपिंडी में लाहौर में जो लोग रहते थे वो शायद आपसे ज़्यादा वैश्वशाली और समर्थ थे
इसलिए आइये संकल्प करें , सोने की चिड़िया नहीं बनना है , माँ भारती को सोने का शेर बनाना है : कपिल मिश्रा
जब अयोध्या में , मथुरा में , काशी में मंदिरों को तोड़ा गया होगा तब उन शहरों ने वहीं दृश्य देखा होगा जो इज़राइल ने कल देखा है
डायरेक्ट एक्शन डे के दिन कोलकाता की गलियों ने वहीं दृश्य देखा होगा जो इज़राइल ने कल देखा है
अफ़ग़ानिस्तान में , कश्मीर में ना जाने कितनी बार
मेरा मक़सद आपको निराश करना नहीं है , मेरा मक़सद आपको ये याद दिलाना है कि आपके ऊँचे भवन और आपकी मज़बूत चार दिवारी, आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा की गारंटी नहीं है
अफ़ग़ानिस्तान से जो लोग भागे पिछले साल वो कोई गरीब लोग नहीं थे , कश्मीरी पंडितों के सेब के बाग़ान थे , कराची, रावलपिंडी में लाहौर में जो लोग रहते थे वो शायद आपसे ज़्यादा वैश्वशाली और समर्थ थे
इसलिए आइये संकल्प करें , सोने की चिड़िया नहीं बनना है , माँ भारती को सोने का शेर बनाना है : कपिल मिश्रा
जो इज़राइल ने कल देखा है वो ना पहली बार हुआ है ना आख़िरी बार , जो इज़राइल ने कल देखा है वो भारत ने पहले ना जाने कितनी बार देखा है ,
जब अयोध्या में , मथुरा में , काशी में मंदिरों को तोड़ा गया होगा तब उन शहरों ने वहीं दृश्य देखा होगा जो इज़राइल ने कल देखा है
डायरेक्ट एक्शन डे के दिन कोलकाता की गलियों ने वहीं दृश्य देखा होगा जो इज़राइल ने कल देखा है
अफ़ग़ानिस्तान में , कश्मीर में ना जाने कितनी बार
मेरा मक़सद आपको निराश करना नहीं है , मेरा मक़सद आपको ये याद दिलाना है कि आपके ऊँचे भवन और आपकी मज़बूत चार दिवारी, आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा की गारंटी नहीं है
अफ़ग़ानिस्तान से जो लोग भागे पिछले साल वो कोई गरीब लोग नहीं थे , कश्मीरी पंडितों के सेब के बाग़ान थे , कराची, रावलपिंडी में लाहौर में जो लोग रहते थे वो शायद आपसे ज़्यादा वैश्वशाली और समर्थ थे
इसलिए आइये संकल्प करें , सोने की चिड़िया नहीं बनना है , माँ भारती को सोने का शेर बनाना है : कपिल मिश्रा
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