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मुसलमानों के लिए इतिहास, समय, भूमि, समुद्र, मानवता आदि तब से ही आरंभ होती है जब से इनके अतिक्रमण को किसी ने हटा कर अपना अधिकार पुनः जताया।

रामजन्मभूमि और अयोध्या का इतिहास 1583 के बाद से है, भारत के मंदिरों का इतिहास 1947 के उपासना स्थल कानून के बाद से है, हल्द्वानी के रेलवे स्टेशन के पास की भूमि का इतिहास 2010 के बाद से है, कश्मीर का इतिहास केवल सौ वर्ष पुराना है जब से हिन्दुओं का नरसंहार कर के सौ प्रतिशत से दो पर उन्हें ला दिया गया।

उसी तरह, फिलिस्तीन का इतिहास द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से है। वहाँ की भूमि भी तभी अस्तित्व में आई। अल अक्सा और जेरूसलम सब 1400 वर्ष पूर्व से ही काउंट किए जाएँगे। यहूदी थे या हैं, उनके कालखंड, उनके साम्राज्य, उनकी नस्ल आदि 4000 वर्षों से है, लेकिन उनकी मान्यता केवल इसलिए नहीं होगी क्योंकि WW2 के बाद वो लोग तो बिखरे हुए थे, उनका देश नहीं था।

9/11 किया क्योंकि अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टावर पर लाउड स्पीकर नहीं लगाने दिया गया। मैनचेस्टर बॉम्बिंग, बॉस्टन मैराथन बॉम्बिंग, मैड्रिड धमाके, ब्रूसेल्स एयरपोर्ट हमले, नीस, पेरिस, रोम आदि के आतंकी हमले, ऑस्ट्रियाई लॉन वूल्फ अटैक, श्रीलंका की ईस्टर बॉम्बिंग, नाइजीरिया के अनगिनत नरसंहार, पेशावर बाल स्कूल हत्याकांड आदि भी इसीलिए हुए क्योंकि मुसलमानों को असह्य पीड़ा पहुँचाई जा रही थी।

कभी कार्टून से चिढ़ गए, कभी इसलिए कि अमेरिका ने हमले के बाद प्रतिक्रिया क्यों दी, कभी इसलिए कि सरकार ने अपराधी क्यों पकड़े… इन्हें केवल इजरायल वाला ही ट्रीटमेंट चाहिए जहाँ प्रधानमंत्री स्वयं काउंटर अटैक में ध्वस्त किए जा रहे सिविलियन क्षेत्रों के वीडियो पोस्ट करता है।

ये केवल यही भाषा समझते है। सोशल मीडिया के दौर में इजरायल के इन्फो-वार से कोई पार नहीं पा सकता। उन्होंने पूरे विश्व में पिछले दो दिन में ही फिलिस्तीन और इस्लामी आतंक को ले कर नृशंसता पर नैरेटिव उचित रूप से अपने पक्ष में कर लिया है। जो फिलिस्तीन के समर्थन में हैं वो नग्न हो चुके हैं।

इज़रायल ने ‘अंतिम युद्ध’ छेड़ा है और लक्ष्य यह है कि ये अगले पचास वर्षों तक उठ न सकें। मुझे पूरा विश्वास है कि वो सफल होंगे। इस्लामी कट्टरपंथी आतंक के विरोध में, मेरा समर्थन सदैव @israel के साथ है।

#IndiaWithIsrael #IStandWithIsrael
Source: Ajeet Bharati tweet
मुसलमानों के लिए इतिहास, समय, भूमि, समुद्र, मानवता आदि तब से ही आरंभ होती है जब से इनके अतिक्रमण को किसी ने हटा कर अपना अधिकार पुनः जताया। रामजन्मभूमि और अयोध्या का इतिहास 1583 के बाद से है, भारत के मंदिरों का इतिहास 1947 के उपासना स्थल कानून के बाद से है, हल्द्वानी के रेलवे स्टेशन के पास की भूमि का इतिहास 2010 के बाद से है, कश्मीर का इतिहास केवल सौ वर्ष पुराना है जब से हिन्दुओं का नरसंहार कर के सौ प्रतिशत से दो पर उन्हें ला दिया गया। उसी तरह, फिलिस्तीन का इतिहास द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से है। वहाँ की भूमि भी तभी अस्तित्व में आई। अल अक्सा और जेरूसलम सब 1400 वर्ष पूर्व से ही काउंट किए जाएँगे। यहूदी थे या हैं, उनके कालखंड, उनके साम्राज्य, उनकी नस्ल आदि 4000 वर्षों से है, लेकिन उनकी मान्यता केवल इसलिए नहीं होगी क्योंकि WW2 के बाद वो लोग तो बिखरे हुए थे, उनका देश नहीं था। 9/11 किया क्योंकि अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टावर पर लाउड स्पीकर नहीं लगाने दिया गया। मैनचेस्टर बॉम्बिंग, बॉस्टन मैराथन बॉम्बिंग, मैड्रिड धमाके, ब्रूसेल्स एयरपोर्ट हमले, नीस, पेरिस, रोम आदि के आतंकी हमले, ऑस्ट्रियाई लॉन वूल्फ अटैक, श्रीलंका की ईस्टर बॉम्बिंग, नाइजीरिया के अनगिनत नरसंहार, पेशावर बाल स्कूल हत्याकांड आदि भी इसीलिए हुए क्योंकि मुसलमानों को असह्य पीड़ा पहुँचाई जा रही थी। कभी कार्टून से चिढ़ गए, कभी इसलिए कि अमेरिका ने हमले के बाद प्रतिक्रिया क्यों दी, कभी इसलिए कि सरकार ने अपराधी क्यों पकड़े… इन्हें केवल इजरायल वाला ही ट्रीटमेंट चाहिए जहाँ प्रधानमंत्री स्वयं काउंटर अटैक में ध्वस्त किए जा रहे सिविलियन क्षेत्रों के वीडियो पोस्ट करता है। ये केवल यही भाषा समझते है। सोशल मीडिया के दौर में इजरायल के इन्फो-वार से कोई पार नहीं पा सकता। उन्होंने पूरे विश्व में पिछले दो दिन में ही फिलिस्तीन और इस्लामी आतंक को ले कर नृशंसता पर नैरेटिव उचित रूप से अपने पक्ष में कर लिया है। जो फिलिस्तीन के समर्थन में हैं वो नग्न हो चुके हैं। इज़रायल ने ‘अंतिम युद्ध’ छेड़ा है और लक्ष्य यह है कि ये अगले पचास वर्षों तक उठ न सकें। मुझे पूरा विश्वास है कि वो सफल होंगे। इस्लामी कट्टरपंथी आतंक के विरोध में, मेरा समर्थन सदैव @israel के साथ है। #IndiaWithIsrael #IStandWithIsrael Source: Ajeet Bharati tweet
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