जब तक सोये हुये हैं तब तक कलियुग में हैं ।
जब नींद टूटती है उस समय द्वापर में होते हैं ।
जब खड़े हो गये तब त्रेता में पहुँच गये ।
और जब चल पड़े तो सतयुग आ गया समझिये ।
इज़राइल में हुये नरसंहार के बाद देखने में आया है कि एक बड़ा जनसमूह अब या तो खड़ा हो गया है अथवा चलने लगा है ।और बहुत से लोग अब जगे भी हैं ।
जो सो रहे हैं अभी भी उन्हें जगाने का प्रयास हो ..
पर जो सोने का अभिनय ( जैसे रबिश कुमार आदि ) कर रहे हों उनसे नाता तोड़ लीजिये ।
नारायण नारायण नारायण नारायण
Dr G Pradhan
जब नींद टूटती है उस समय द्वापर में होते हैं ।
जब खड़े हो गये तब त्रेता में पहुँच गये ।
और जब चल पड़े तो सतयुग आ गया समझिये ।
इज़राइल में हुये नरसंहार के बाद देखने में आया है कि एक बड़ा जनसमूह अब या तो खड़ा हो गया है अथवा चलने लगा है ।और बहुत से लोग अब जगे भी हैं ।
जो सो रहे हैं अभी भी उन्हें जगाने का प्रयास हो ..
पर जो सोने का अभिनय ( जैसे रबिश कुमार आदि ) कर रहे हों उनसे नाता तोड़ लीजिये ।
नारायण नारायण नारायण नारायण
Dr G Pradhan
जब तक सोये हुये हैं तब तक कलियुग में हैं ।
जब नींद टूटती है उस समय द्वापर में होते हैं ।
जब खड़े हो गये तब त्रेता में पहुँच गये ।
और जब चल पड़े तो सतयुग आ गया समझिये ।
इज़राइल में हुये नरसंहार के बाद देखने में आया है कि एक बड़ा जनसमूह अब या तो खड़ा हो गया है अथवा चलने लगा है ।और बहुत से लोग अब जगे भी हैं ।
जो सो रहे हैं अभी भी उन्हें जगाने का प्रयास हो ..
पर जो सोने का अभिनय ( जैसे रबिश कुमार आदि ) कर रहे हों उनसे नाता तोड़ लीजिये ।
नारायण नारायण नारायण नारायण
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