Sponsorluk
Humour!
गांव के स्कूल में नए मास्टरजी आये। उन्होंने सोचा किसी अच्छे लड़के को मोनिटर बना दूँ।

अब उन्होंने एक के बाद एक लड़कों से सवाल पूछना शुरू किया।

"स्कूल से छूटने के बाद घर पर जाके क्या करते हो ?"

एक लड़के ने कहा, "मैं नारायण भंडारी के घर से मेरे पप्पा के लिए भांग की गोलियां लाता हूँ !"

दूसरे ने कहा, "मैं नारायण भंडारी के घर से मेरे बापू के लिए देसी दारू का खंभा लाता हूँ !"

तीसरे ने कहा, "मैं नारायण भंडारी के घर से मेरे बाबा के लिए गांजे की पूड़ियाँ लाता हूँ !"

चौथे लड़के ने कहा,

"मैं घर जाकर हाथ पैर धोकर थोड़ा नाश्ता करता हूँ। उसके बाद भगवान को दिया-बत्ती करके स्तोत्र वगैरा का पाठ करता हूँ। फिर मैं पिताजी के काम में मदद करता हूँ।

मास्टरजी तो एकदम गदगद हो गए ! बोले,

"बेटा, इस कक्षा में तो मोनिटर बनने लायक तुम एक ही हो, आज से तुम इस कक्षा के मोनिटर हो !"

"नाम क्या है तुम्हारा ?"

लड़के ने कहा,

"मास्टरजी ! नाम तो मेरा अरविन्द केजरीवाल है लेकिन क्लास और गाँव में सब लोग मुझे नारायण भंडारी कहते हैं।
Humour! गांव के स्कूल में नए मास्टरजी आये। उन्होंने सोचा किसी अच्छे लड़के को मोनिटर बना दूँ। अब उन्होंने एक के बाद एक लड़कों से सवाल पूछना शुरू किया। "स्कूल से छूटने के बाद घर पर जाके क्या करते हो ?" एक लड़के ने कहा, "मैं नारायण भंडारी के घर से मेरे पप्पा के लिए भांग की गोलियां लाता हूँ !" दूसरे ने कहा, "मैं नारायण भंडारी के घर से मेरे बापू के लिए देसी दारू का खंभा लाता हूँ !" तीसरे ने कहा, "मैं नारायण भंडारी के घर से मेरे बाबा के लिए गांजे की पूड़ियाँ लाता हूँ !" चौथे लड़के ने कहा, "मैं घर जाकर हाथ पैर धोकर थोड़ा नाश्ता करता हूँ। उसके बाद भगवान को दिया-बत्ती करके स्तोत्र वगैरा का पाठ करता हूँ। फिर मैं पिताजी के काम में मदद करता हूँ। मास्टरजी तो एकदम गदगद हो गए ! बोले, "बेटा, इस कक्षा में तो मोनिटर बनने लायक तुम एक ही हो, आज से तुम इस कक्षा के मोनिटर हो !" "नाम क्या है तुम्हारा ?" लड़के ने कहा, "मास्टरजी ! नाम तो मेरा अरविन्द केजरीवाल है लेकिन क्लास और गाँव में सब लोग मुझे नारायण भंडारी कहते हैं।
0 Yorumlar 0 hisse senetleri 378 Views 0 önizleme
Sponsorluk
Sponsorluk