भारत-रूस शिखर सम्मेलन: मोदी और पुतिन के बीच सहयोग को नई दिशा
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी है। यह बैठक मॉस्को में आयोजित 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
सैन्य और तकनीकी सहयोग:
दोनों नेताओं ने सैन्य और तकनीकी सहयोग पर हुई चर्चाओं की सराहना की और नियमित 2+2 वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया और वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीतिक-सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
कोविड-19 महामारी के दौरान सहयोग:
कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता के लिए धन्यवाद दिया। विशेष रूप से "स्पुतनिक-V" वैक्सीन के संदर्भ में दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की सराहना की। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमति व्यक्त की।
आर्थिक सहयोग:
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार में 38% की वृद्धि का स्वागत किया और 2025 तक व्यापार का लक्ष्य 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर रखने पर जोर दिया। इसके साथ ही, भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और रूसी कंपनी PhosAgro के बीच उर्वरकों की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। फॉस्फेट, कोयला और स्टील क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की भी सराहना की गई।
नवीन क्षेत्र:
दोनों पक्षों ने चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की सराहना की और अन्य नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
अंतर्राष्ट्रीय मंच:
दोनों नेताओं ने BRICS, SCO, G20, और UN जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की। यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
इस शिखर सम्मेलन ने भारत और रूस के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी को और मजबूती दी है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर बनी हुई है। इस बैठक के परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने और नई दिशा देने का संकल्प लिया है।
स्रोत:
- [MEA.gov.in](https://www.mea.gov.in)
- [Hindustan Times](https://www.hindustantimes.com)
- [ABP Live](https://www.abplive.com)
    
  हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी है। यह बैठक मॉस्को में आयोजित 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
सैन्य और तकनीकी सहयोग:
दोनों नेताओं ने सैन्य और तकनीकी सहयोग पर हुई चर्चाओं की सराहना की और नियमित 2+2 वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया और वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीतिक-सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
कोविड-19 महामारी के दौरान सहयोग:
कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता के लिए धन्यवाद दिया। विशेष रूप से "स्पुतनिक-V" वैक्सीन के संदर्भ में दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की सराहना की। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमति व्यक्त की।
आर्थिक सहयोग:
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार में 38% की वृद्धि का स्वागत किया और 2025 तक व्यापार का लक्ष्य 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर रखने पर जोर दिया। इसके साथ ही, भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और रूसी कंपनी PhosAgro के बीच उर्वरकों की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। फॉस्फेट, कोयला और स्टील क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की भी सराहना की गई।
नवीन क्षेत्र:
दोनों पक्षों ने चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की सराहना की और अन्य नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
अंतर्राष्ट्रीय मंच:
दोनों नेताओं ने BRICS, SCO, G20, और UN जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की। यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
इस शिखर सम्मेलन ने भारत और रूस के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी को और मजबूती दी है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर बनी हुई है। इस बैठक के परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने और नई दिशा देने का संकल्प लिया है।
स्रोत:
- [MEA.gov.in](https://www.mea.gov.in)
- [Hindustan Times](https://www.hindustantimes.com)
- [ABP Live](https://www.abplive.com)
भारत-रूस शिखर सम्मेलन: मोदी और पुतिन के बीच सहयोग को नई दिशा
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी है। यह बैठक मॉस्को में आयोजित 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
सैन्य और तकनीकी सहयोग:
दोनों नेताओं ने सैन्य और तकनीकी सहयोग पर हुई चर्चाओं की सराहना की और नियमित 2+2 वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया और वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीतिक-सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
कोविड-19 महामारी के दौरान सहयोग:
कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता के लिए धन्यवाद दिया। विशेष रूप से "स्पुतनिक-V" वैक्सीन के संदर्भ में दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की सराहना की। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमति व्यक्त की।
आर्थिक सहयोग:
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार में 38% की वृद्धि का स्वागत किया और 2025 तक व्यापार का लक्ष्य 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर रखने पर जोर दिया। इसके साथ ही, भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और रूसी कंपनी PhosAgro के बीच उर्वरकों की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। फॉस्फेट, कोयला और स्टील क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की भी सराहना की गई।
नवीन क्षेत्र:
दोनों पक्षों ने चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की सराहना की और अन्य नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
अंतर्राष्ट्रीय मंच:
दोनों नेताओं ने BRICS, SCO, G20, और UN जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की। यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
इस शिखर सम्मेलन ने भारत और रूस के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी को और मजबूती दी है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर बनी हुई है। इस बैठक के परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने और नई दिशा देने का संकल्प लिया है।
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