Patrocinados
कल मेरे को एक आदमी बोला कि पहले इतने लोग बिमार नहीं होते थे जितने आज हो रहे हैं।

तो मैं उसको बोला कि भाईजी पहले हम हर चीज को कूटते थे। जबसे हमने कूटना छोड़ा है तब से हम सब बिमार होने लग गए ।

जैसे पहले खेत से अनाज को कूट कर घर लाते थे, घर में मिर्च मसाला कूटते थे। कभी कभी तो बड़ा भाई भी छोटे को कूट देता था और जब छोटा भाई उसकी शिकायत मां से करता था तो मां बड़े भाई को कूट देती थी। और कभी तो दादाजी भी पोते को कूट देते थे।

यानी कुल मिलाकर दिन भर कूटने का काम चलता रहता था।

कभी मां बाजरा कूट कर शाम को खिचड़ी बनाती थी। चूरमा बनाने के लिए भी मोटे मोटे रोट बनाकर कूटते थे।

पहले हम कपड़े भी सोटे से कूट कर धोते थे। मास्टर जी भी बच्चो को कूटते थे।जहां देखो वहां पर कूटने का काम चलता रहता था तो बिमारी नजदीक नहीं आती थी।

सबकी इम्युनिटी पावर मजबूत रहती थी। जब कभी बच्चा सर्दी में नहाने से मना करता था तो मां पहले कूट कर उसकी इम्युनिटी पावर बढ़ाती थी और फिर नहलाती थी।
कल मेरे को एक आदमी बोला कि पहले इतने लोग बिमार नहीं होते थे जितने आज हो रहे हैं। तो मैं उसको बोला कि भाईजी पहले हम हर चीज को कूटते थे। जबसे हमने कूटना छोड़ा है तब से हम सब बिमार होने लग गए । जैसे पहले खेत से अनाज को कूट कर घर लाते थे, घर में मिर्च मसाला कूटते थे। कभी कभी तो बड़ा भाई भी छोटे को कूट देता था और जब छोटा भाई उसकी शिकायत मां से करता था तो मां बड़े भाई को कूट देती थी। और कभी तो दादाजी भी पोते को कूट देते थे। यानी कुल मिलाकर दिन भर कूटने का काम चलता रहता था। कभी मां बाजरा कूट कर शाम को खिचड़ी बनाती थी। चूरमा बनाने के लिए भी मोटे मोटे रोट बनाकर कूटते थे। पहले हम कपड़े भी सोटे से कूट कर धोते थे। मास्टर जी भी बच्चो को कूटते थे।जहां देखो वहां पर कूटने का काम चलता रहता था तो बिमारी नजदीक नहीं आती थी। सबकी इम्युनिटी पावर मजबूत रहती थी। जब कभी बच्चा सर्दी में नहाने से मना करता था तो मां पहले कूट कर उसकी इम्युनिटी पावर बढ़ाती थी और फिर नहलाती थी।
0 Commentarios 0 Acciones 441 Views 0 Vista previa