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  • कुछ लोगों को इंदिरा गांधी की याद आ रही है जिन्होंने पहले अपने वोटबैंक के लिए भिंडरावाले को खड़ा किया और फिर उसको आगे करके खालिस्तान आंदोलन खड़ा कराया। उसके बाद उसको मारकर खालिस्तान खत्म करने का श्रेय लिया और फिर अति आत्मविश्वास में ख़ुद मारी गईं।

    वहीं इंदिरा गांधी जिन्होंने सेना पर भावना में आकर तुरंत हमले का दबाव बनाया लेकिन वह भला हो सैम साहब का जिन्होंने मना कर दिया और कई महीने तैयारी की, लड़ाई लड़ी और बांग्लादेश अलग किया, लेकिन जब इंदिरा गांधी की बारी आई तो उन्होंने नब्बे हज़ार सैनिक बंदी बनाकर न पीओके लिया, न थारपारकर लिया, न बांग्लादेश को सैन्य विहीन बनाया।

    ये वहीं इंदिरा गांधी थी जिन्होंने संविधान में सेक्युलर शब्द डलवाया, एक चुनाव हारने पर देश में इमरजेंसी लगा दी। लोगों को जेल भेज दिया। देश में समाजवादी व्यवस्था और लाइसेंस राज को और मज़बूत किया।

    इंदिरा गांधी की तुलना गलती से कभी मोदी से करना भी नहीं, जिसने राम मंदिर की भूमिका तैयार की, जिसने धारा 370 हटाया, जिसने देश को दुनिया का चौथा अर्थ व्यवस्था बनाया, जिसने राष्ट्रहित के लिए स्वयं के अभिमान को पीछे रखकर किसान क़ानून वापसी ले लिया, जिसने सिक्खों के हर गाली के बदले उनके गुरुओं को अपनाया, उनके बालकों को देश का आदर्श बनाया।

    मोदी वह है जिसने लोगों को हगना सिखाया, जिसने पहली बार यह बताया कि महिलाओं को भी कष्ट होता है, उनके भी इज़्ज़त का सम्मान होना चाहिए। मोदी ने ही सबसे पहले इस कष्ट को महसूस किया कि चूल्हे के धुएँ से महिलाओं को सास की बीमारी होती है, घर घर सिलेंडर पहुंचाया वरना उस पर लाइसेंस था।

    मोदी ने लोगों को सामाजिक सुरक्षा दिया, आयुष्मान दिया ताकि लोग घर में इलाज के बिना न मरें, हर घर तक बिजली पहुंचाई, हर घर तक पानी पहुंचाने में लगा है। सबको मकान दे रहा है।

    मोदी ही वह व्यक्ति है जिसने देश में हाईवे का जाल बिछाया है, स्टार्ट अप के लिए माहौल दिया है। मेडिकल कालेज, IIT, एम्स को बढ़ा रहा है। देश को वैक्सीन और मेडिसिन का हब बनाया है। देश को पहली बार भूख से मृत्यु के पाप से बाहर निकाला है।

    मोदी ही है जिसने आतंकवाद को सामान्यता से अपवाद बनाया है। मोदी ही है जिसके कार्यकाल में आतंकवाद का बदला निश्चित है। मोदी ने ही इस देश को रक्षा क्षेत्र में इतना आत्मनिर्भर बनाया है। मोदी ने ही इस देश की बैंकिंग सिस्टम को इतना आम जानता से जोड़ा है, फिनटेक का मास्टर इस देश को बनाया है।

    यह मोदी ही है जिसके कार्यकाल में भारत स्पेस में तेज़ी से आगे बढने वाला बना है। मोदी भगवान नहीं हैं तो भगवान से कम भी नहीं है।

    हाँ, वह तुम्हारी तरह भावनाओं में नहीं बहता, वह इंदिरा की तरह अपने व्यक्तिगत मान अपमान को लोकतांत्रिक मूल्यों के ऊपर नहीं रखता। वह हर स्थिति में अपना दिमाग़ ठंडा रखता है। वह हर समय इस प्रयास में रहता है कि चाहे उसे जो सुनना पड़े, वह वहीं करेगा जो दूरदृष्टि से राष्ट्रहित में है।


    मोदी किसी का सगा नहीं है, अपना भी नहीं। वह केवल इस देश के हित के लिए हर काम करता रहा है और करेगा। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं पिछले दो दशक से अधिक समय से एकनिष्ठ भाव से इस व्यक्ति के प्रति प्रतिबद्ध हूँ।
    कुछ लोगों को इंदिरा गांधी की याद आ रही है जिन्होंने पहले अपने वोटबैंक के लिए भिंडरावाले को खड़ा किया और फिर उसको आगे करके खालिस्तान आंदोलन खड़ा कराया। उसके बाद उसको मारकर खालिस्तान खत्म करने का श्रेय लिया और फिर अति आत्मविश्वास में ख़ुद मारी गईं। वहीं इंदिरा गांधी जिन्होंने सेना पर भावना में आकर तुरंत हमले का दबाव बनाया लेकिन वह भला हो सैम साहब का जिन्होंने मना कर दिया और कई महीने तैयारी की, लड़ाई लड़ी और बांग्लादेश अलग किया, लेकिन जब इंदिरा गांधी की बारी आई तो उन्होंने नब्बे हज़ार सैनिक बंदी बनाकर न पीओके लिया, न थारपारकर लिया, न बांग्लादेश को सैन्य विहीन बनाया। ये वहीं इंदिरा गांधी थी जिन्होंने संविधान में सेक्युलर शब्द डलवाया, एक चुनाव हारने पर देश में इमरजेंसी लगा दी। लोगों को जेल भेज दिया। देश में समाजवादी व्यवस्था और लाइसेंस राज को और मज़बूत किया। इंदिरा गांधी की तुलना गलती से कभी मोदी से करना भी नहीं, जिसने राम मंदिर की भूमिका तैयार की, जिसने धारा 370 हटाया, जिसने देश को दुनिया का चौथा अर्थ व्यवस्था बनाया, जिसने राष्ट्रहित के लिए स्वयं के अभिमान को पीछे रखकर किसान क़ानून वापसी ले लिया, जिसने सिक्खों के हर गाली के बदले उनके गुरुओं को अपनाया, उनके बालकों को देश का आदर्श बनाया। मोदी वह है जिसने लोगों को हगना सिखाया, जिसने पहली बार यह बताया कि महिलाओं को भी कष्ट होता है, उनके भी इज़्ज़त का सम्मान होना चाहिए। मोदी ने ही सबसे पहले इस कष्ट को महसूस किया कि चूल्हे के धुएँ से महिलाओं को सास की बीमारी होती है, घर घर सिलेंडर पहुंचाया वरना उस पर लाइसेंस था। मोदी ने लोगों को सामाजिक सुरक्षा दिया, आयुष्मान दिया ताकि लोग घर में इलाज के बिना न मरें, हर घर तक बिजली पहुंचाई, हर घर तक पानी पहुंचाने में लगा है। सबको मकान दे रहा है। मोदी ही वह व्यक्ति है जिसने देश में हाईवे का जाल बिछाया है, स्टार्ट अप के लिए माहौल दिया है। मेडिकल कालेज, IIT, एम्स को बढ़ा रहा है। देश को वैक्सीन और मेडिसिन का हब बनाया है। देश को पहली बार भूख से मृत्यु के पाप से बाहर निकाला है। मोदी ही है जिसने आतंकवाद को सामान्यता से अपवाद बनाया है। मोदी ही है जिसके कार्यकाल में आतंकवाद का बदला निश्चित है। मोदी ने ही इस देश को रक्षा क्षेत्र में इतना आत्मनिर्भर बनाया है। मोदी ने ही इस देश की बैंकिंग सिस्टम को इतना आम जानता से जोड़ा है, फिनटेक का मास्टर इस देश को बनाया है। यह मोदी ही है जिसके कार्यकाल में भारत स्पेस में तेज़ी से आगे बढने वाला बना है। मोदी भगवान नहीं हैं तो भगवान से कम भी नहीं है। हाँ, वह तुम्हारी तरह भावनाओं में नहीं बहता, वह इंदिरा की तरह अपने व्यक्तिगत मान अपमान को लोकतांत्रिक मूल्यों के ऊपर नहीं रखता। वह हर स्थिति में अपना दिमाग़ ठंडा रखता है। वह हर समय इस प्रयास में रहता है कि चाहे उसे जो सुनना पड़े, वह वहीं करेगा जो दूरदृष्टि से राष्ट्रहित में है। मोदी किसी का सगा नहीं है, अपना भी नहीं। वह केवल इस देश के हित के लिए हर काम करता रहा है और करेगा। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं पिछले दो दशक से अधिक समय से एकनिष्ठ भाव से इस व्यक्ति के प्रति प्रतिबद्ध हूँ।
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  • 𝐍𝐨 𝐑𝐨𝐨𝐦 𝐅𝐨𝐫 𝐅𝐞𝐚𝐫, 𝐎𝐧𝐥𝐲 𝐀𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧!

    क्योंकि अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है...

    #OperationSindoor
    𝐍𝐨 𝐑𝐨𝐨𝐦 𝐅𝐨𝐫 𝐅𝐞𝐚𝐫, 𝐎𝐧𝐥𝐲 𝐀𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧! क्योंकि अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है... #OperationSindoor
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • विश्वव्यापी संकटमा लोकतन्त्र:
    https://www.anishpokhrel0.com.np/2025/04/blog-post_25.html
    विश्वव्यापी संकटमा लोकतन्त्र: https://www.anishpokhrel0.com.np/2025/04/blog-post_25.html
    WWW.ANISHPOKHREL0.COM.NP
    विश्वव्यापी संकटमा लोकतन्त्र
    लोकतन्त्रको कमजोर अवस्था अब केवल सैद्धान्तिक बहस वा बैठकको विषय मात्र रहेन। यो विश्वभर देख्न सकिने, मापन गर्न सकिने, र गम्भीर रूपमा चिन्ताजनक वास्तविक
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • मनास्लु।
    मनास्लु।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • जय हनुमान।
    जय हनुमान।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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  • शुभदिन।
    शुभदिन।
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