प्रारब्ध का नाश भोगने से ही होता है किन्तु भगवान के नाम में प्रारब्ध का नाश करने की अतुल शक्ति है। तुलसीदासजी ने कहा है ‘मेटत कठिन कुअंक भाल के।
संतजनों ने कहा है कि सादा-सात्विक भोजन व संयम के साथ इस महामन्त्र का तीन करोड़ जप करने से मनुष्य के हाथ की रेखाएं बदलने लगती हैं। जन्मपत्री के ग्रह शुद्ध होने लगते हैं। उसके शरीर में कोई भी महारोग नहीं होता है।
#HareKrishnaHareRam
प्रारब्ध का नाश भोगने से ही होता है किन्तु भगवान के नाम में प्रारब्ध का नाश करने की अतुल शक्ति है। तुलसीदासजी ने कहा है ‘मेटत कठिन कुअंक भाल के।
संतजनों ने कहा है कि सादा-सात्विक भोजन व संयम के साथ इस महामन्त्र का तीन करोड़ जप करने से मनुष्य के हाथ की रेखाएं बदलने लगती हैं। जन्मपत्री के ग्रह शुद्ध होने लगते हैं। उसके शरीर में कोई भी महारोग नहीं होता है।
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