मिच्छामि दुक्कदम !!!
जैन संस्कृति में यह एक सुंदर परंपरा है, जहां शुभ पर्युषण के अंतिम दिन, 'क्षमा दिवस' का अभ्यास किया जाता है।
भुल होना प्रकृति है मान लेना संस्कृति है।
मेरे किसी व्यवहार से आपका दिल दुखा हो तो उसके लिए मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा चाहती हूँ, कृपया क्षमा कर अनुग्रहित करे 🙏
#micchamidukkadam #मिच्छामिदुक्कडम
जैन संस्कृति में यह एक सुंदर परंपरा है, जहां शुभ पर्युषण के अंतिम दिन, 'क्षमा दिवस' का अभ्यास किया जाता है।
भुल होना प्रकृति है मान लेना संस्कृति है।
मेरे किसी व्यवहार से आपका दिल दुखा हो तो उसके लिए मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा चाहती हूँ, कृपया क्षमा कर अनुग्रहित करे 🙏
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मिच्छामि दुक्कदम !!!
जैन संस्कृति में यह एक सुंदर परंपरा है, जहां शुभ पर्युषण के अंतिम दिन, 'क्षमा दिवस' का अभ्यास किया जाता है।
भुल होना प्रकृति है मान लेना संस्कृति है।
मेरे किसी व्यवहार से आपका दिल दुखा हो तो उसके लिए मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा चाहती हूँ, कृपया क्षमा कर अनुग्रहित करे 🙏
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