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"एक छोटी सी अधूरी लव स्टोरी"

पिछले हफ्ते मेरी दांत में दर्द हुआ और मैं जिंदगी में पहली बार दाँतों के डॉक्टर के पास गया।

रिसेप्शन में बैठे-बैठे मेरी नजर वहाँ दीवार पर लगी नेमप्लेट पर पड़ी और उस पर लिखे डॉक्टर के नाम को पढ़ते ही मानो मुझ पर बिजली गिर पड़ी।

"डॉ. नंदिता प्रधान"
यानी, स्कूल के दिनों का हमारी क्लास की हीरोइन। गोरी-चिट्टी, ऊँची-लम्बी, घुँघराले बालों वाली खूबसूरत लड़की।

अब झूठ क्या बोलूँ...
क्लास के दूसरे लड़कों के साथ साथ मैं खुद भी उस पर मरता था, अपनी 'नंदू' पर।

मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई।

मेरा नंबर आने पर मैंने धड़कते दिल से, 'नंदू' के चेम्बर में प्रवेश किया।

उसके माथे पर झूलते घुँघराले बाल अब हट चुके थे, गुलाबी गाल अब फूलकर गोल गोल हो गए थे...

नीली आँखें मोटे चश्मे के पीछे छुप गईं थीं लेकिन फिर भी 'नंदू' बहुत रौबदार लग रही थी।

लेकिन उसने मुझे पहचाना नहीं।

मेरी दांत की जाँच हो जाने के बाद...
मैंने ही उससे पूछा : "तुम कान्वेंट में पढ़ती थी ना ?"

वो बोली : "हाँ "

मैंने पूछा : "10 वीं से कब निकली? 2000 में ना?"

वो बोली : "करेक्ट! लेकिन आपको कैसे मालूम?"

मैंने मुस्कराते हुए जवाब दिया : "अरे, तुम मेरी ही क्लास में थी..."

फिर...
वो,
मुझसे बोली....

" आप कौन सा सब्जेक्ट पढ़ाते थे.. सर. ?"

*चोट इसे कहते हैं*!

*दर्द ये होता है!*

साला तोंद निकलने, बाल झड़ने, ओर गैस की समस्या के बाद ये हाल होगा, सोचा भी ना था ।😳

*अपना बेडौल स्वास्थ सुधारे, स्वस्थ दिनचर्या अपनाए, और रोज व्यायाम करें प्रात: 6.30 से 7.30 तक घूमने जाएँ I* स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनहित में जारी 😁🙏🏻🙏🏻
#Humour #Joke
"एक छोटी सी अधूरी लव स्टोरी" पिछले हफ्ते मेरी दांत में दर्द हुआ और मैं जिंदगी में पहली बार दाँतों के डॉक्टर के पास गया। रिसेप्शन में बैठे-बैठे मेरी नजर वहाँ दीवार पर लगी नेमप्लेट पर पड़ी और उस पर लिखे डॉक्टर के नाम को पढ़ते ही मानो मुझ पर बिजली गिर पड़ी। "डॉ. नंदिता प्रधान" यानी, स्कूल के दिनों का हमारी क्लास की हीरोइन। गोरी-चिट्टी, ऊँची-लम्बी, घुँघराले बालों वाली खूबसूरत लड़की। अब झूठ क्या बोलूँ... क्लास के दूसरे लड़कों के साथ साथ मैं खुद भी उस पर मरता था, अपनी 'नंदू' पर। मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई। मेरा नंबर आने पर मैंने धड़कते दिल से, 'नंदू' के चेम्बर में प्रवेश किया। उसके माथे पर झूलते घुँघराले बाल अब हट चुके थे, गुलाबी गाल अब फूलकर गोल गोल हो गए थे... नीली आँखें मोटे चश्मे के पीछे छुप गईं थीं लेकिन फिर भी 'नंदू' बहुत रौबदार लग रही थी। लेकिन उसने मुझे पहचाना नहीं। मेरी दांत की जाँच हो जाने के बाद... मैंने ही उससे पूछा : "तुम कान्वेंट में पढ़ती थी ना ?" वो बोली : "हाँ " मैंने पूछा : "10 वीं से कब निकली? 2000 में ना?" वो बोली : "करेक्ट! लेकिन आपको कैसे मालूम?" मैंने मुस्कराते हुए जवाब दिया : "अरे, तुम मेरी ही क्लास में थी..." फिर... वो, मुझसे बोली.... " आप कौन सा सब्जेक्ट पढ़ाते थे.. सर. ?" *चोट इसे कहते हैं*! *दर्द ये होता है!* साला तोंद निकलने, बाल झड़ने, ओर गैस की समस्या के बाद ये हाल होगा, सोचा भी ना था ।😳 *अपना बेडौल स्वास्थ सुधारे, स्वस्थ दिनचर्या अपनाए, और रोज व्यायाम करें प्रात: 6.30 से 7.30 तक घूमने जाएँ I* स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनहित में जारी 😁🙏🏻🙏🏻 #Humour #Joke
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