إعلان مُمول
  • आज लगता है केजरीवाल साहब के लिए Moye Moye Day है.

    आज सुबह से ही आम आदमी पार्टी समर्थकों ने Social Media पर हल्ला मचा रखा था.... जय बजरंग बली के नारे लगा रहे थे... कि हनुमान जी की कृपा से केजरीवाल जी को Insulin रुपी संजीवनी मिल गई... केंद्र सरकार और LG हार गए.... फिर सौरभ भारद्वाज के वीडियो आ गए.. जिसमें वो हनुमान जी की गदा उठाये घूम रहे हैं... थोड़ी देर में सुनीता केजरीवाल की तस्वीरें और वीडियो आने लगे....उन्होंने CP में प्राचीन हनुमान जी के मंदिर के दर्शन किये.... अगली बार केजरीवाल जी के साथ आउंगी.. ऐसा वादा भी किया.

    कुलमिलाकर गजब की नौटंकी करी...... लेकिन यह नौटंकी सिर्फ समर्थकों का हौसला बढ़ाने के लिए होती है..... कोर्ट में और भगवान के द्वार पर ऐसी नौटंकी काम नहीं करती... और वही हुआ केजरीवाल जी के साथ.

    कोर्ट ने उन्हें 7 मई तक जेल में रहने का आदेश दिया है..... लगता है हनुमान जी ने कृपा नहीं की.. करते भी कैसे.... हनुमान जी तो प्रसिद्ध हैं ऐसे छल कपट और नौटंकी पकड़ने में.... वैसे भी रंग बदलने वाले, छल कपट करने वाले कालनेमी को हराने वाले हनुमान जी ही तो थे.
    आज लगता है केजरीवाल साहब के लिए Moye Moye Day है. आज सुबह से ही आम आदमी पार्टी समर्थकों ने Social Media पर हल्ला मचा रखा था.... जय बजरंग बली के नारे लगा रहे थे... कि हनुमान जी की कृपा से केजरीवाल जी को Insulin रुपी संजीवनी मिल गई... केंद्र सरकार और LG हार गए.... फिर सौरभ भारद्वाज के वीडियो आ गए.. जिसमें वो हनुमान जी की गदा उठाये घूम रहे हैं... थोड़ी देर में सुनीता केजरीवाल की तस्वीरें और वीडियो आने लगे....उन्होंने CP में प्राचीन हनुमान जी के मंदिर के दर्शन किये.... अगली बार केजरीवाल जी के साथ आउंगी.. ऐसा वादा भी किया. कुलमिलाकर गजब की नौटंकी करी...... लेकिन यह नौटंकी सिर्फ समर्थकों का हौसला बढ़ाने के लिए होती है..... कोर्ट में और भगवान के द्वार पर ऐसी नौटंकी काम नहीं करती... और वही हुआ केजरीवाल जी के साथ. कोर्ट ने उन्हें 7 मई तक जेल में रहने का आदेश दिया है..... लगता है हनुमान जी ने कृपा नहीं की.. करते भी कैसे.... हनुमान जी तो प्रसिद्ध हैं ऐसे छल कपट और नौटंकी पकड़ने में.... वैसे भी रंग बदलने वाले, छल कपट करने वाले कालनेमी को हराने वाले हनुमान जी ही तो थे.
    0 التعليقات 0 المشاركات 350 مشاهدة 0 معاينة

  • #lofibhajan
    #बजरंगबाण
    #bajrangbaan
    #BajrangBaanLofi
    #RasrajJiMaharaj

    श्री बजरंग बाण का पाठ
    Lyrics In Hindi -

    दोहा :
    निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
    तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

    चौपाई :
    जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
    जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
    जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
    आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

    जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
    बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

    अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
    लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
    अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
    जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
    जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
    ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
    ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
    जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
    बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
    भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
    इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
    सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
    जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
    पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
    बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
    जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
    जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
    चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
    उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
    ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
    ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
    अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
    यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
    पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
    यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
    धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

    दोहा :
    उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
    बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥
    #lofibhajan #बजरंगबाण #bajrangbaan #BajrangBaanLofi #RasrajJiMaharaj श्री बजरंग बाण का पाठ Lyrics In Hindi - दोहा : निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई : जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥ पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥ जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥ चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥ उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥ ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥ ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥ अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥ यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥ पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥ यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥ धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥ दोहा : उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान। बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

    #lofibhajan
    #बजरंगबाण
    #bajrangbaan
    #BajrangBaanLofi
    #RasrajJiMaharaj

    श्री बजरंग बाण का पाठ
    Lyrics In Hindi -

    दोहा :
    निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
    तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

    चौपाई :
    जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
    जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
    जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
    आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

    जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
    बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

    अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
    लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
    अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
    जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
    जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
    ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
    ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
    जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
    बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
    भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
    इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
    सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
    जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
    पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
    बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
    जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
    जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
    चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
    उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
    ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
    ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
    अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
    यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
    पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
    यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
    धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

    दोहा :
    उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
    बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥
    0 التعليقات 0 المشاركات 622 مشاهدة 0 معاينة

  • #lofibhajan
    #बजरंगबाण
    #bajrangbaan
    #BajrangBaanLofi
    #RasrajJiMaharaj

    श्री बजरंग बाण का पाठ
    Lyrics In Hindi -

    दोहा :
    निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
    तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

    चौपाई :
    जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
    जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
    जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
    आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

    जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
    बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

    अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
    लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
    अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
    जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
    जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
    ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
    ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
    जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
    बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
    भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
    इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
    सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
    जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
    पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
    बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
    जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
    जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
    चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
    उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
    ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
    ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
    अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
    यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
    पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
    यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
    धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

    दोहा :
    उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
    बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥
    #lofibhajan #बजरंगबाण #bajrangbaan #BajrangBaanLofi #RasrajJiMaharaj श्री बजरंग बाण का पाठ Lyrics In Hindi - दोहा : निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई : जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥ पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥ जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥ चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥ उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥ ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥ ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥ अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥ यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥ पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥ यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥ धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥ दोहा : उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान। बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥
    0 التعليقات 1 المشاركات 701 مشاهدة 0 معاينة
  • द्वारिका धाम में जाइए। भव्य मंदिर है भगवान श्री कृष्ण का। दिन में पाँच बार ध्वजा बदली जाती है। देश विदेश से भक्तों का ताँता लगा रहता है द्वारिका के राजा है भगवान कृष्ण। प्रातः मंगला आरती। फिर एक घंटे का विश्राम, मंदिर के पट बंद। फिर अभिषेक फिर पट बंद। शृंगार, आरती भोग, आरती दर्शन ग्वाला दर्शन इस तरह से विविध रूपों में श्री कृष्ण जी आते हैं, पंद्रह मिनट आधा घंटा दर्शन देते हैं फिर सभा विसर्जित। दोपहर में राज भोग के पश्चात एक बजे दोपहर विश्राम। चार घंटे पट बंद।

    द्वारिका शहर भी इसी टाइम टेबल से चलता है। एक बजे बाज़ार बंद हो जायेगी फिर पाँच बजे खुलेगी। उचित ही है। लीला पुरुषोत्तम हैं श्री कृष्ण। विविध रूप, सब में लीलाएँ। कभी बाल रूप में यशोदा माँ के साथ अठखेलियाँ तो कभी गोपियों संग राश लीला तो कभी कंस का संहार, तो कभी अर्जुन को ज्ञान। इतने विविध रूप, सामान्य मानव नहीं हैं। लीला है प्रभु की। कृष्ण को समझना है तो द्वारिका अवश्य जायें।

    अयोध्या आइये। भगवान राम की नगरी। अलग ही छटा है। शोर कोलाहल इन सबके बीच एक असीम आनंद। चारों ओर से भजन कीर्तन रामायण का गुंजन। भव्य नगरी। एक से एक भव्य महल और अट्टालिकाएँ। एक ओर है हनुमान गढ़ी। भव्य मंदिर है छटा निराली है श्री राम के दास बजरंगी की यहाँ। तो दूसरी ओर है कनक भवन। अयोध्या का सबसे भव्य निर्माण। यह महल है माता केकई का। वही कैकई जिन्होंने श्री राम को बनवास दिलवाया था। पर सबसे भव्य महल उन्हीं का है।

    और इन सबके बीच स्वयं प्रभु राम एक सामान्य से टेंट के नीचे बरसों से रहे। सदियों से उनके लिये एक मंदिर तक नहीं था। वह जो पूरे अवध क्षेत्र के राजा हैं, संपन्न क्षेत्र है, पर स्वयं राजा टेंट में रहे। यही हैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम। प्रजा महलों में और राजा टेंट में। सैतेली माँ के लिए भव्य महल, सेवक के लिए भव्य मंदिर। स्वयं टेंट में।

    यह आदर्श हैं एक राजा के। भगवान राम मनुष्य नहीं ईश्वर के अवतार हैं, आज भी दिखता है, सिद्ध होता है।

    श्री राम हमारे दिल में हैं। उनकी राम कथा हम अयोध्या से लेकर नैमिष तक, बद्रीनाथ से लेकर रामेश्वरम तक सुनते हैं। आज भी कोई शुभ कार्य होता है उसमे रामायण का पाठ करते हैं। मैंने नया घर बनवाया, सबसे पहला मांगलिक कार्य रामायण पाठ। घर में रोज़ प्रातः सुंदर कांड का पाठ होता है।

    भगवान राम और उनकी कथा हमारे दिलों में है।

    कुछ कलियुगी दैत्य उनकी पुस्तक श्री राम चरित मानस जब जलाते हैं तो सच कहूँ क्रोध नहीं आता, दया आती है। उनके पुस्तक जलाने से हमारी आस्था पर न प्रहार हुआ न विचलित हुई न क्रोध हुआ। क्योंकि श्री राम का आदर्श किसी पुस्तक से नहीं हमने असल ज़मीन पर देखा हुआ है।

    ऐसे नर पशु घृणा नहीं दया के पात्र हैं। प्रभु श्री राम इन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें।

    #साभार
    @Modified_Hindu9
    द्वारिका धाम में जाइए। भव्य मंदिर है भगवान श्री कृष्ण का। दिन में पाँच बार ध्वजा बदली जाती है। देश विदेश से भक्तों का ताँता लगा रहता है द्वारिका के राजा है भगवान कृष्ण। प्रातः मंगला आरती। फिर एक घंटे का विश्राम, मंदिर के पट बंद। फिर अभिषेक फिर पट बंद। शृंगार, आरती भोग, आरती दर्शन ग्वाला दर्शन इस तरह से विविध रूपों में श्री कृष्ण जी आते हैं, पंद्रह मिनट आधा घंटा दर्शन देते हैं फिर सभा विसर्जित। दोपहर में राज भोग के पश्चात एक बजे दोपहर विश्राम। चार घंटे पट बंद। द्वारिका शहर भी इसी टाइम टेबल से चलता है। एक बजे बाज़ार बंद हो जायेगी फिर पाँच बजे खुलेगी। उचित ही है। लीला पुरुषोत्तम हैं श्री कृष्ण। विविध रूप, सब में लीलाएँ। कभी बाल रूप में यशोदा माँ के साथ अठखेलियाँ तो कभी गोपियों संग राश लीला तो कभी कंस का संहार, तो कभी अर्जुन को ज्ञान। इतने विविध रूप, सामान्य मानव नहीं हैं। लीला है प्रभु की। कृष्ण को समझना है तो द्वारिका अवश्य जायें। अयोध्या आइये। भगवान राम की नगरी। अलग ही छटा है। शोर कोलाहल इन सबके बीच एक असीम आनंद। चारों ओर से भजन कीर्तन रामायण का गुंजन। भव्य नगरी। एक से एक भव्य महल और अट्टालिकाएँ। एक ओर है हनुमान गढ़ी। भव्य मंदिर है छटा निराली है श्री राम के दास बजरंगी की यहाँ। तो दूसरी ओर है कनक भवन। अयोध्या का सबसे भव्य निर्माण। यह महल है माता केकई का। वही कैकई जिन्होंने श्री राम को बनवास दिलवाया था। पर सबसे भव्य महल उन्हीं का है। और इन सबके बीच स्वयं प्रभु राम एक सामान्य से टेंट के नीचे बरसों से रहे। सदियों से उनके लिये एक मंदिर तक नहीं था। वह जो पूरे अवध क्षेत्र के राजा हैं, संपन्न क्षेत्र है, पर स्वयं राजा टेंट में रहे। यही हैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम। प्रजा महलों में और राजा टेंट में। सैतेली माँ के लिए भव्य महल, सेवक के लिए भव्य मंदिर। स्वयं टेंट में। यह आदर्श हैं एक राजा के। भगवान राम मनुष्य नहीं ईश्वर के अवतार हैं, आज भी दिखता है, सिद्ध होता है। श्री राम हमारे दिल में हैं। उनकी राम कथा हम अयोध्या से लेकर नैमिष तक, बद्रीनाथ से लेकर रामेश्वरम तक सुनते हैं। आज भी कोई शुभ कार्य होता है उसमे रामायण का पाठ करते हैं। मैंने नया घर बनवाया, सबसे पहला मांगलिक कार्य रामायण पाठ। घर में रोज़ प्रातः सुंदर कांड का पाठ होता है। भगवान राम और उनकी कथा हमारे दिलों में है। कुछ कलियुगी दैत्य उनकी पुस्तक श्री राम चरित मानस जब जलाते हैं तो सच कहूँ क्रोध नहीं आता, दया आती है। उनके पुस्तक जलाने से हमारी आस्था पर न प्रहार हुआ न विचलित हुई न क्रोध हुआ। क्योंकि श्री राम का आदर्श किसी पुस्तक से नहीं हमने असल ज़मीन पर देखा हुआ है। ऐसे नर पशु घृणा नहीं दया के पात्र हैं। प्रभु श्री राम इन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें। #साभार @Modified_Hindu9
    0 التعليقات 0 المشاركات 879 مشاهدة 0 معاينة
  • बजरंग पुनिया के आवास पर प्रियंका गांधी कर रही है उसके और साक्षी मलिक के साथ मीटिंग...

    अब भी कहोगे मामला राजनीतिक नहीं है।

    कांग्रेस किसी भी हद तक जाकर मोदी विरोध कर सकती है।

    next they fight election on Congress ticket in JAT belt
    बजरंग पुनिया के आवास पर प्रियंका गांधी कर रही है उसके और साक्षी मलिक के साथ मीटिंग... अब भी कहोगे मामला राजनीतिक नहीं है। कांग्रेस किसी भी हद तक जाकर मोदी विरोध कर सकती है। next they fight election on Congress ticket in JAT belt
    0 التعليقات 0 المشاركات 511 مشاهدة 0 معاينة
  • योगी महाराज ने पन्ना यादव को ठुकवाया : योगी जी यादव विरोधी हैं।

    योगी महाराज ने दुबे को ठुकवाया : योगी जी बाभन विरोधी हैं।

    योगी महाराज ने दीपक गुप्ता को ठुकवाया : योगी जी बनिया विरोधी हैं।

    योगी महाराज ने बबली गैंग का नाश करवाया : योगी जी पिछड़ा विरोधी हैं।

    योगी महाराज ने दंगा फैलाने वाले चुल्लों से सरकारी संपत्ति की भरपाई करवाई जमकर लट्ठ बरसाए : योगी जी अल्पसंख्यक विरोधी हैं।

    योगी महाराज सो कॉल्ड दलितों के मसीहा 'रावण' के स्थान विशेष में बांस कर रखा है यूपी आने नहीं देते : योगी जी दलित विरोधी हैं...

    योगी जी ने मुन्ना बजरंगी राजा का बाजा बजा दिया : योगी जी ठाकुर विरोधी हैं...

    कुलमिलाकर योगी जी ने हर तबके के अतिवादियों, गुंडों और अपराधियों के गले तक लट्ठ कर रखा है...योगी जी को भगाओ...हमें गुंडई नहीं करने दे रहे...

    देखो भैया यूपी में रहना है तो आदमी बनकर रहो गुंडा बनोगो डंडा घुसा दिया जाएगा...आई बात समझ में? 😊

    जय हो योगी जी महाराज की

    ऊँ फट गुण्डाय स्वाहा
    फटति फटतः फटन्ति
    योगी महाराज ने पन्ना यादव को ठुकवाया : योगी जी यादव विरोधी हैं। योगी महाराज ने दुबे को ठुकवाया : योगी जी बाभन विरोधी हैं। योगी महाराज ने दीपक गुप्ता को ठुकवाया : योगी जी बनिया विरोधी हैं। योगी महाराज ने बबली गैंग का नाश करवाया : योगी जी पिछड़ा विरोधी हैं। योगी महाराज ने दंगा फैलाने वाले चुल्लों से सरकारी संपत्ति की भरपाई करवाई जमकर लट्ठ बरसाए : योगी जी अल्पसंख्यक विरोधी हैं। योगी महाराज सो कॉल्ड दलितों के मसीहा 'रावण' के स्थान विशेष में बांस कर रखा है यूपी आने नहीं देते : योगी जी दलित विरोधी हैं... योगी जी ने मुन्ना बजरंगी राजा का बाजा बजा दिया : योगी जी ठाकुर विरोधी हैं... कुलमिलाकर योगी जी ने हर तबके के अतिवादियों, गुंडों और अपराधियों के गले तक लट्ठ कर रखा है...योगी जी को भगाओ...हमें गुंडई नहीं करने दे रहे... देखो भैया यूपी में रहना है तो आदमी बनकर रहो गुंडा बनोगो डंडा घुसा दिया जाएगा...आई बात समझ में? 😊 जय हो योगी जी महाराज की ऊँ फट गुण्डाय स्वाहा फटति फटतः फटन्ति
    0 التعليقات 0 المشاركات 793 مشاهدة 0 معاينة
  • "सीरीज ऑफ इवेंट: जहांगीरपुरी हिंसा पर रायता विंग के विद्वान लेखक का आचरण"

    16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में मजहबी जिहादियों द्वारा हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर पत्थरबाजी की गई।

    पत्थरबाजी की खबर आते ही विद्वान लेखक के साथ उनके लिजलिजे फॉलोअर्स ने गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करना शुरू कर दिया।

    पहले कहा की दिल्ली हिंसा पर कुछ नहीं किया, किसान आंदोलन पर कुछ नहीं किया, लाल किले वाली हिंसा पर कुछ नहीं किया, शाहिनबाग पर कुछ नहीं किया तो अब इसपर भी कुछ नहीं किया जाएगा।

    17 अप्रैल को 14 मजहबी उन्मादियों को पुलिस ने पकड़ा जिसमे इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड आप नेता अंसार भी शामिल था।

    18 अप्रैल को विद्वान लेखक बिना यह बताते हुए की 14 मजहबी गिरफ्तार किए गए हैं लिखते है की भाजपा की "सबका विश्वास जीतो" योजना के तहत पुलिस ने बजरंगदल और विश्व हिंदू परिषद के आयोजकों पर भी केस दर्ज किया है।

    19 अप्रैल को दिल्ली पुलिस द्वारा गृहमंत्री के निर्देश पर 5 मजहबी दंगाइयों पर NSA लगा दिया जाता है।

    19 तारीख को रायता विंग के किसी अति विद्वान लेखक ने लिखा की MCD भाजपा की है, जहांगीरपुरी में चारो तरफ मजहबीयों ने अतिक्रमण कर रखा है। MCD ने आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ? बुल्डोजर क्यों नहीं चलाया ?

    ऐसी एक पोस्ट में विद्वान लेखक अपने भाजपा समर्थक फॉलोअर्स को भाजपा के खिलाफ, गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भड़का रहे थे।

    उनके फॉलोअर्स उस पोस्ट को जगह जगह कॉपी पेस्ट करके रायता फैला रहे थे।

    फिर 19 की रात को MCD के अतिक्रमण हटाओ अभियान का पत्र सोशल मीडिया पर आ जाता है जिसमे लिखा था की 20-21 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जायेगा। यानी बुल्डोजर चलेगा।

    अब जितने समर्थक नाराज थे वो सब बड़े प्रसन्न हो गए, फेसबुक पर नाच रहे थे। विद्वान लेखक और उनके फॉलोअर्स ने कहना शुरू कर दिया की देखो हमारे दबाव के कारण आखिर कमजोर, नाकारा गृहमंत्री को कार्यवाही करनी पड़ रही है।

    20 अप्रैल को जहांगीरपुरी में सुबह 9 बजे से बुल्डोजर गरजने लगा और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया।

    20 अप्रैल को ही सुबह 9-10 बजे जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही रुकवाने के लिए कॉमरेड विपक्ष के सुप्रीम कोर्ट जाने की खबर आई।

    11 बजे तक सुप्रीम कोर्ट का कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश भी जारी हो गया।

    जैसे ही ये खबर आई तुरंत विद्वान लेखक ने एक पोस्ट और लिखी और कहने लगे, भाजपा वालों ने खेल कर दिया। शोर मचा के बुल्डोजर चलवा रहे थे। दूसरी तरफ "सबका विश्वास" योजना के तहत सुप्रीम कोर्ट से रोक लगवा दिया।

    ये पूरा सीरीज ऑफ इवेंट पढ़ने के बाद आपको क्या लगता है की विद्वान लेखक किसकी साइड से बैटिंग कर रहे है ? और किसे क्लीन बोल्ड करना चाह रहे हैं ? खुद तय कीजिए। और एकमात्र राष्ट्रवादी हिंदूवादी पार्टी भाजपा के खिलाफ उसके समर्थको को भड़काने वालों से दूर रहिए।
    "सीरीज ऑफ इवेंट: जहांगीरपुरी हिंसा पर रायता विंग के विद्वान लेखक का आचरण" 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में मजहबी जिहादियों द्वारा हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर पत्थरबाजी की गई। पत्थरबाजी की खबर आते ही विद्वान लेखक के साथ उनके लिजलिजे फॉलोअर्स ने गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करना शुरू कर दिया। पहले कहा की दिल्ली हिंसा पर कुछ नहीं किया, किसान आंदोलन पर कुछ नहीं किया, लाल किले वाली हिंसा पर कुछ नहीं किया, शाहिनबाग पर कुछ नहीं किया तो अब इसपर भी कुछ नहीं किया जाएगा। 17 अप्रैल को 14 मजहबी उन्मादियों को पुलिस ने पकड़ा जिसमे इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड आप नेता अंसार भी शामिल था। 18 अप्रैल को विद्वान लेखक बिना यह बताते हुए की 14 मजहबी गिरफ्तार किए गए हैं लिखते है की भाजपा की "सबका विश्वास जीतो" योजना के तहत पुलिस ने बजरंगदल और विश्व हिंदू परिषद के आयोजकों पर भी केस दर्ज किया है। 19 अप्रैल को दिल्ली पुलिस द्वारा गृहमंत्री के निर्देश पर 5 मजहबी दंगाइयों पर NSA लगा दिया जाता है। 19 तारीख को रायता विंग के किसी अति विद्वान लेखक ने लिखा की MCD भाजपा की है, जहांगीरपुरी में चारो तरफ मजहबीयों ने अतिक्रमण कर रखा है। MCD ने आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ? बुल्डोजर क्यों नहीं चलाया ? ऐसी एक पोस्ट में विद्वान लेखक अपने भाजपा समर्थक फॉलोअर्स को भाजपा के खिलाफ, गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भड़का रहे थे। उनके फॉलोअर्स उस पोस्ट को जगह जगह कॉपी पेस्ट करके रायता फैला रहे थे। फिर 19 की रात को MCD के अतिक्रमण हटाओ अभियान का पत्र सोशल मीडिया पर आ जाता है जिसमे लिखा था की 20-21 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जायेगा। यानी बुल्डोजर चलेगा। अब जितने समर्थक नाराज थे वो सब बड़े प्रसन्न हो गए, फेसबुक पर नाच रहे थे। विद्वान लेखक और उनके फॉलोअर्स ने कहना शुरू कर दिया की देखो हमारे दबाव के कारण आखिर कमजोर, नाकारा गृहमंत्री को कार्यवाही करनी पड़ रही है। 20 अप्रैल को जहांगीरपुरी में सुबह 9 बजे से बुल्डोजर गरजने लगा और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। 20 अप्रैल को ही सुबह 9-10 बजे जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही रुकवाने के लिए कॉमरेड विपक्ष के सुप्रीम कोर्ट जाने की खबर आई। 11 बजे तक सुप्रीम कोर्ट का कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश भी जारी हो गया। जैसे ही ये खबर आई तुरंत विद्वान लेखक ने एक पोस्ट और लिखी और कहने लगे, भाजपा वालों ने खेल कर दिया। शोर मचा के बुल्डोजर चलवा रहे थे। दूसरी तरफ "सबका विश्वास" योजना के तहत सुप्रीम कोर्ट से रोक लगवा दिया। ये पूरा सीरीज ऑफ इवेंट पढ़ने के बाद आपको क्या लगता है की विद्वान लेखक किसकी साइड से बैटिंग कर रहे है ? और किसे क्लीन बोल्ड करना चाह रहे हैं ? खुद तय कीजिए। और एकमात्र राष्ट्रवादी हिंदूवादी पार्टी भाजपा के खिलाफ उसके समर्थको को भड़काने वालों से दूर रहिए।
    0 التعليقات 0 المشاركات 284 مشاهدة 0 معاينة
  • हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa

    दोहा

    श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।

    बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
    बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
    बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

    चौपाई

    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
    जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
    रामदूत अतुलित बल धामा।
    अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

    महावीर विक्रम बजरंगी।
    कुमति निवार सुमति के संगी।।
    कंचन वरन विराज सुवेसा।
    कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

    हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
    काँधे मूँज जनेऊ साजै।
    शंकर सुवन केसरीनंदन।
    तेज प्रताप महा जग वन्दन।।

    विद्यावान गुणी अति चातुर।
    राम काज करिबे को आतुर।।
    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
    राम लखन सीता मन बसिया।।

    सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
    विकट रूप धरि लंक जरावा।।
    भीम रूप धरि असुर संहारे।
    रामचंद्र के काज संवारे।।

    लाय सजीवन लखन जियाये।
    श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
    रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
    तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

    सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
    अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
    सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।
    नारद सारद सहित अहीसा।।

    जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
    कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।
    तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
    राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

    तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
    लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
    जुग सहस्र योजन पर भानू।
    लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

    प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
    जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
    दुर्गम काज जगत के जेते।
    सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

    राम दुआरे तुम रखवारे।
    होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
    सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
    तुम रक्षक काहू को डरना।।

    आपन तेज सम्हारो आपै।
    तीनों लोक हांक तें कांपै।।
    भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
    महाबीर जब नाम सुनावै।।

    नासै रोग हरै सब पीरा।
    जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
    संकट तें हनुमान छुड़ावै।
    मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।

    सब पर राम तपस्वी राजा।
    तिनके काज सकल तुम साजा।
    और मनोरथ जो कोई लावै।
    सोई अमित जीवन फल पावै।।

    चारों युग परताप तुम्हारा।
    है परसिद्ध जगत उजियारा।।
    साधु-संत के तुम रखवारे।
    असुर निकंदन राम दुलारे।।

    अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
    अस वर दीन जानकी माता।।
    राम रसायन तुम्हरे पासा।
    सदा रहो रघुपति के दासा।।

    तुम्हरे भजन राम को भावै।
    जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
    अन्त काल रघुबर पुर जाई।
    जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

    और देवता चित्त न धरई।
    हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
    संकट कटै मिटै सब पीरा।
    जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

    जै जै जै हनुमान गोसाईं।
    कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
    जो सत बार पाठ कर कोई।
    छूटहिं बंदि महा सुख होई।।

    जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
    होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
    तुलसीदास सदा हरि चेरा।
    कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

    दोहा
    पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
    राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

    हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै। शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।। विद्यावान गुणी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।। जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।। आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।। सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा। और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।। चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।। अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।। राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।। तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।। अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।। और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।। संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।। जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।। जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।। तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।। दोहा पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
    Love
    1
    0 التعليقات 0 المشاركات 429 مشاهدة 0 معاينة
إعلان مُمول
إعلان مُمول