“निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥”
ऊॅं हनुमते नम:
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥”
ऊॅं हनुमते नम:
“निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥”
ऊॅं हनुमते नम:
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