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  • धनतेरस पर भारत सरकार बैंक ऑफ इंग्लैंड में रखा 102 टन सोना वापस लाई है। दो साल में अबतक 214 टन सोने की वापसी हो चुकी है। साथ ही देश का कुल स्वर्ण भंडार भी बढ़कर 855 टन हो गया है। 510 टन अभी भी विदेश में है।‌ जानिए कांग्रेस सरकारों ने हमारा #Gold क्यों उन ईसाई देशों में रखवाया जिन्होंने सदियों तक भारत को लूटा‌: https://youtu.be/d8ZauIhcFD4?si=VHvvgWGuZcyPl-a5
    धनतेरस पर भारत सरकार बैंक ऑफ इंग्लैंड में रखा 102 टन सोना वापस लाई है। दो साल में अबतक 214 टन सोने की वापसी हो चुकी है। साथ ही देश का कुल स्वर्ण भंडार भी बढ़कर 855 टन हो गया है। 510 टन अभी भी विदेश में है।‌ जानिए कांग्रेस सरकारों ने हमारा #Gold क्यों उन ईसाई देशों में रखवाया जिन्होंने सदियों तक भारत को लूटा‌: https://youtu.be/d8ZauIhcFD4?si=VHvvgWGuZcyPl-a5
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  • जिन ईसाई देशों ने सदियों तक भारत को लूटा, स्वतंत्रता के बाद उन्हीं के पास सोना जमा कर दिया गया! जानें कैसे देश का धन वापस ला रही है नरेंद्र मोदी सरकार। देखें पूरा वीडियो: https://youtu.be/d8ZauIhcFD4?si=ytlTF0ZBJigvD_p_

    #Dhanteras #धनतेरस #धनत्रयोदशी
    जिन ईसाई देशों ने सदियों तक भारत को लूटा, स्वतंत्रता के बाद उन्हीं के पास सोना जमा कर दिया गया! जानें कैसे देश का धन वापस ला रही है नरेंद्र मोदी सरकार। देखें पूरा वीडियो: https://youtu.be/d8ZauIhcFD4?si=ytlTF0ZBJigvD_p_ #Dhanteras #धनतेरस #धनत्रयोदशी
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  • शराब और स्वाति से केजरीवाल की राजनीति का The End होगा?
    #EDChargeSheet #ArvindKejriwal #SwatiMaliwal #SanjaySingh #BibhavKumar #AtishiMarlena #CMResidence #400पार #AmitShah #NarendraModi #YogiAdityanath #2024LoksabhaElections #HarshVardhanTripathi #नरेंद्रमोदी #हर्षवर्धनत्रिपाठी
    शराब और स्वाति से केजरीवाल की राजनीति का The End होगा? #EDChargeSheet #ArvindKejriwal #SwatiMaliwal #SanjaySingh #BibhavKumar #AtishiMarlena #CMResidence #400पार #AmitShah #NarendraModi #YogiAdityanath #2024LoksabhaElections #HarshVardhanTripathi #नरेंद्रमोदी #हर्षवर्धनत्रिपाठी
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  • तो आम आदमी पार्टी भी केजरीवाल नहीं PA ही चलाता है?
    #SwatiMaliwal #SanjaySingh #BibhavKumar #CMResidence #ArvindKejriwal #400पार #AmitShah #NarendraModi #YogiAdityanath #2024LoksabhaElections #HarshVardhanTripathi #नरेंद्रमोदी #हर्षवर्धनत्रिपाठी
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  • बढ़िया मतदान और बढ़िया रोड शो के बाद मोदी जी का हाल
    #4thPhaseVoting #KashiRoadShow #400पार #AmitShah #ArvindKejriwal #NarendraModi #YogiAdityanath #2024LoksabhaElections #HarshVardhanTripathi #नरेंद्रमोदी #हर्षवर्धनत्रिपाठी
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  • मूंछों पर ताव देना राहुल गांधी पर भारी पड़ गया
    #BoxerVijender #RahulGandhi #BJP #2024LoksabhaElections #NarendraModi #HarshVardhanTripathi #नरेंद्रमोदी #हर्षवर्धनत्रिपाठी
    मूंछों पर ताव देना राहुल गांधी पर भारी पड़ गया #BoxerVijender #RahulGandhi #BJP #2024LoksabhaElections #NarendraModi #HarshVardhanTripathi #नरेंद्रमोदी #हर्षवर्धनत्रिपाठी
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  • त्यौहार हमारे देश के आर्थिक चक्र को कैसे घुमाते हैं.. आइये जानते हैं

    CAIT के हिसाब से दिवाली (धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली... और पहले के एकाध दिन) में ₹3.75 लाख करोड़ (47 Billion USD) का business देश भर में हुआ

    दुर्गा पूजा और नवरात्रो में 50,000 करोड़ के आस पास का हुआ. मात्र दुर्गा पूजा के समय, सिर्फ पश्चिम बंगाल राज्य में ही 3 लाख से ज्यादा कारीगरों, मजदूरों को काम मिला... देश भर का अंदाजा लगा लीजिये.

    गणेश चतुर्थी पर 20-25 हजार करोड़ का हुआ.

    यह आंकड़े सिर्फ 3 त्यौहारों के हैं...... इसी तरह से आप होली, जमाष्टमी, महाशिवरात्रि, राखी जैसे ढेरों त्यौहारो को अगर जोड़ लें... तो आराम से 100-150 billion डॉलर की एक अलग ही अर्थव्यवस्था चल रही है.

    और इसमें अगर आप तीर्थ स्थलों, बड़े मंदिरों, या अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ दें.. उनसे होने वाली कमाई, वहाँ श्रद्धालुओं के जाने से होने वाले खर्चो को जोड़ दें.....तो यह आकड़ा आराम से 300 Billion डॉलर होगा..... इससे ऊपर ही होगा.. क्यूंकि यह सब आंकड़े Formal हैं.. Informal आंकड़े तो गिने ही नहीं जाते कभी.

    यह रकम दुनिया की 48वीं अर्थव्यवस्था फिनलैंड की GDP के बराबर है..... मतलब हमारे देश में धर्म, त्यौहार, तीर्थ आदि के कारण इतना पैसा Circulate होता है... जो दुनिया के 150 से ज्यादा देशों की GDP से भी ज्यादा है.

    और यह कोई नई व्यवस्था नहीं है.. हजारों वर्षों से चलती आ रही है.. इसका केंद्र हमारे मंदिर, हमारे त्यौहार, हमारे तीर्थ ही होते आये हैं.

    और ऐसा सिर्फ हिन्दू धर्म में ही नहीं हैं.... मक्का मदीना, वेटीकन आदि भी same model पर हैं. धर्म का मजाक उडाने वाले बड़े बड़े Woke भूल गए हैं, कि यह अर्थव्यवस्था का सबसे पुराना पहिया है

    अगले साल 22 जनवरी को एक बहुत बड़ी धार्मिक घटना होने जा रही है.... जो हमारी अर्थव्यवस्था को अविश्वसनीय रूप से जबरदस्त boost देगी.

    One is not required to be an Economist to understand this concept of Sanatan Economics

    राम आएंगे ❤️
    त्यौहार हमारे देश के आर्थिक चक्र को कैसे घुमाते हैं.. आइये जानते हैं CAIT के हिसाब से दिवाली (धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली... और पहले के एकाध दिन) में ₹3.75 लाख करोड़ (47 Billion USD) का business देश भर में हुआ दुर्गा पूजा और नवरात्रो में 50,000 करोड़ के आस पास का हुआ. मात्र दुर्गा पूजा के समय, सिर्फ पश्चिम बंगाल राज्य में ही 3 लाख से ज्यादा कारीगरों, मजदूरों को काम मिला... देश भर का अंदाजा लगा लीजिये. गणेश चतुर्थी पर 20-25 हजार करोड़ का हुआ. यह आंकड़े सिर्फ 3 त्यौहारों के हैं...... इसी तरह से आप होली, जमाष्टमी, महाशिवरात्रि, राखी जैसे ढेरों त्यौहारो को अगर जोड़ लें... तो आराम से 100-150 billion डॉलर की एक अलग ही अर्थव्यवस्था चल रही है. और इसमें अगर आप तीर्थ स्थलों, बड़े मंदिरों, या अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ दें.. उनसे होने वाली कमाई, वहाँ श्रद्धालुओं के जाने से होने वाले खर्चो को जोड़ दें.....तो यह आकड़ा आराम से 300 Billion डॉलर होगा..... इससे ऊपर ही होगा.. क्यूंकि यह सब आंकड़े Formal हैं.. Informal आंकड़े तो गिने ही नहीं जाते कभी. यह रकम दुनिया की 48वीं अर्थव्यवस्था फिनलैंड की GDP के बराबर है..... मतलब हमारे देश में धर्म, त्यौहार, तीर्थ आदि के कारण इतना पैसा Circulate होता है... जो दुनिया के 150 से ज्यादा देशों की GDP से भी ज्यादा है. और यह कोई नई व्यवस्था नहीं है.. हजारों वर्षों से चलती आ रही है.. इसका केंद्र हमारे मंदिर, हमारे त्यौहार, हमारे तीर्थ ही होते आये हैं. और ऐसा सिर्फ हिन्दू धर्म में ही नहीं हैं.... मक्का मदीना, वेटीकन आदि भी same model पर हैं. धर्म का मजाक उडाने वाले बड़े बड़े Woke भूल गए हैं, कि यह अर्थव्यवस्था का सबसे पुराना पहिया है अगले साल 22 जनवरी को एक बहुत बड़ी धार्मिक घटना होने जा रही है.... जो हमारी अर्थव्यवस्था को अविश्वसनीय रूप से जबरदस्त boost देगी. One is not required to be an Economist to understand this concept of Sanatan Economics राम आएंगे ❤️
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  • जुए में हारने वाला शौहर...!

    शौहर का नाम सुहैल अहमद।
    सास सलमा, ससुर रईस अहमद, देवर फूजैल, दूसरा देवर सुहैब, ननद कहकशा, महका और दरकशा ,ये सब मिल कर इसे प्रताड़ित करते थे।

    और शौहर सुहैल अहमद जुए का आदी था। और इसी जुए में ये अपनी बेगम को हार गया।

    लेकिन न्यूज वाले को ऐसी फ़ाइल फोटो और ऐसे कैप्शन के साथ न्यूज बनानी थी।

    और ये केवल न्यूज 24 ही नहीं वरन सभी प्रमुख न्यूज खबरियों ने ऐसे ही इस न्यूज को छापा है।

    और पोस्टर के आधार पे ही इनके ही बिरादरी वाले नैतिक ज्ञान की घूंटी पिला रहे है धनतेरस /दीवाली मनाने वालों को।

    गज्जब का इकोसिस्टम हैं इन खबरं डियों का।
    जुए में हारने वाला शौहर...! शौहर का नाम सुहैल अहमद। सास सलमा, ससुर रईस अहमद, देवर फूजैल, दूसरा देवर सुहैब, ननद कहकशा, महका और दरकशा ,ये सब मिल कर इसे प्रताड़ित करते थे। और शौहर सुहैल अहमद जुए का आदी था। और इसी जुए में ये अपनी बेगम को हार गया। लेकिन न्यूज वाले को ऐसी फ़ाइल फोटो और ऐसे कैप्शन के साथ न्यूज बनानी थी। और ये केवल न्यूज 24 ही नहीं वरन सभी प्रमुख न्यूज खबरियों ने ऐसे ही इस न्यूज को छापा है। और पोस्टर के आधार पे ही इनके ही बिरादरी वाले नैतिक ज्ञान की घूंटी पिला रहे है धनतेरस /दीवाली मनाने वालों को। गज्जब का इकोसिस्टम हैं इन खबरं डियों का।
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  • अमृत और धनतेरस …

    हम यह कभी न भूलें कि अमृत पीने के पश्चात भी देवता , देवासुर संग्राम हार रहे थे ।

    क्योँकि देवताओं को अपने प्रयास का अभिमान हो गया था कि उन्होंने श्रम करके धन्वंतरि और अमृत प्राप्त किया है ।

    जब देवताओं को हारते हुये करूणावरूणालय श्री हरि ने देखा तो वे देवताओं की सहायता करने उतरे …

    जगदीश्वर को युद्ध में उतरता देख अमृत ने सोचा कि जब नारायण ही इनकी सहायता कर रहे हैं तब उसने भी अपना प्रभाव दिखाना आरम्भ कर दिया ।

    मित्रों, कर्तव्य कर्म और पुरुषार्थ हम जम कर करें पर यह अपने कर्म का अभिमान हम न करें । फल, नारायण के ही अधीन है ।
    अमृत और धनतेरस … हम यह कभी न भूलें कि अमृत पीने के पश्चात भी देवता , देवासुर संग्राम हार रहे थे । क्योँकि देवताओं को अपने प्रयास का अभिमान हो गया था कि उन्होंने श्रम करके धन्वंतरि और अमृत प्राप्त किया है । जब देवताओं को हारते हुये करूणावरूणालय श्री हरि ने देखा तो वे देवताओं की सहायता करने उतरे … जगदीश्वर को युद्ध में उतरता देख अमृत ने सोचा कि जब नारायण ही इनकी सहायता कर रहे हैं तब उसने भी अपना प्रभाव दिखाना आरम्भ कर दिया । मित्रों, कर्तव्य कर्म और पुरुषार्थ हम जम कर करें पर यह अपने कर्म का अभिमान हम न करें । फल, नारायण के ही अधीन है ।
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